For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भुजंग तुम 

वतन  के  लिए 

व्याल हम 

वतन  के  लिए 

कलंक तुम

वतन  के  लिए

तिलक हम 

वतन  के  लिए 

दुश्मन हो  

वतन  के  लिए 

ढाल हम 

वतन  के  लिए 

हार तुम 

वतन  के  लिए

जीत हम 

वतन  के  लिए 

जीना  है  

वतन  के  लिए  

 मरना  है  

वतन  के  लिए  

शांति  है 

वतन  के  लिए   

 क्रांति  है  

वतन  के  लिए   

हम एक  हैं  

वतन  के  लिए   

राजगुरु  भगत  सुखदेव  है

वतन  के  लिए

आजाद  थे  आजाद  है  आजाद  रहेंगे  

वतन  के  लिए   

 

Views: 560

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 24, 2012 at 1:14pm

आदरणीय केसरी जी , सादर अभिवादन. अपनी भावनाओं को शब्द दिए हैं. आभार प्रोत्साहन हेतु. स्नेह सदैव अपेक्षित है. धन्यवाद.

Comment by Arun Sri on March 24, 2012 at 10:53am

राष्ट्र भक्त और राष्ट्र द्रोही के बीच का अंतर क्या खूब लिखा है ! कामना है कि हम सब वतन के माथे का तिलक बने रहें / बनने का प्रयास  करें !


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 23, 2012 at 7:42pm

desh bhakti ki jyoti jagaati hui kavita bahut behtreen.badhaai aapko.

Comment by AVINASH S BAGDE on March 23, 2012 at 7:23pm

hamare khushgawar aaj k liye AAJ KA DIN hamesha itihas k sunhare panno me mahakta rahega.....

Comment by AVINASH S BAGDE on March 23, 2012 at 7:21pm

हम एक  हैं  

वतन  के  लिए   

राजगुरु  भगत  सुखदेव  है

वतन  के  लिए

आजाद  थे  आजाद  है  आजाद  रहेंगे  

वतन  के  लिए   ......वतन परस्ती से ओतप्रोत रचना.....प्रदीप जी.बधाई...natmastak hu....

Comment by MAHIMA SHREE on March 23, 2012 at 2:28pm
हम एक हैं
वतन के लिए...
आदरणीय सर
वन्देमातरम....
राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत ..इस रचना के लिए आपका हार्दिक साधुवाद....यही
भावना सभी भारतवासियों में हमेशा रहे...तो फिर क्या कहना....बधाई
Comment by Harish Bhatt on March 23, 2012 at 2:24pm

आदरणीय प्रदीप जी सादर प्रणाम, देशप्रेम से ओतप्रोत रचना के लिए हार्दिक बधाई

Comment by वीनस केसरी on March 23, 2012 at 1:30pm

माननीय, वतन परस्ती को सुन्दर शब्दों से प्रस्तुत किया है

बधाई

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 23, 2012 at 1:25pm

abhar. snehi vahid ji. vande matram.

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on March 23, 2012 at 12:22pm

आदरणीय प्रदीप जी,

देशप्रेम के भावों में डूबी इस कविता के लिए हार्दिक बधाई!! :))

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी's blog post was featured

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . .तकदीर

दोहा सप्तक. . . . . तकदीर  होती है हर हाथ में, किस्मत भरी लकीर ।उसकी रहमत के बिना, कब बदले तकदीर…See More
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियासठवाँ आयोजन है।.…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service