For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भुजंग तुम 

वतन  के  लिए 

व्याल हम 

वतन  के  लिए 

कलंक तुम

वतन  के  लिए

तिलक हम 

वतन  के  लिए 

दुश्मन हो  

वतन  के  लिए 

ढाल हम 

वतन  के  लिए 

हार तुम 

वतन  के  लिए

जीत हम 

वतन  के  लिए 

जीना  है  

वतन  के  लिए  

 मरना  है  

वतन  के  लिए  

शांति  है 

वतन  के  लिए   

 क्रांति  है  

वतन  के  लिए   

हम एक  हैं  

वतन  के  लिए   

राजगुरु  भगत  सुखदेव  है

वतन  के  लिए

आजाद  थे  आजाद  है  आजाद  रहेंगे  

वतन  के  लिए   

 

Views: 565

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 14, 2012 at 4:46pm

adarniya mishr ji, sadar abhivadan. sarahna hetu hardik abhar.

Comment by arunendra mishra on April 14, 2012 at 12:41am

अन्तंत ही विद्रोही विचार ......अभिवादन स्वीकार करे ...

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 5, 2012 at 3:26pm

आदरणीय संजय जी, सादर अभिवादन.

आपने सराहा, प्रेरित हुआ. धन्यवाद,
Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on April 5, 2012 at 3:02pm

गहरे अन्तर्निहित भाव लिए देश को समर्पित खुबसूरत रचना....

सादर बधाई प्रदीप भाई जी.

वन्दे मातरम.

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 28, 2012 at 7:28pm
aadarniya samast obo parivar "vatan ke liye" padhne, sarahne evam featured hone ka abhar pragat karta hun. is vidyalay ka abhari hoon.
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 24, 2012 at 5:45pm

आदरणीय  अरुण  जी,  सादर अभिवादन ,  आप को पसंद आयी , समर्थन,  शामिल होने के लिए  धन्यवाद ,वन्दे मातरम्. 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 24, 2012 at 5:42pm

आदरणीया राजेश कुमारी  जी,  सादर अभिवादन ,  आप को पसंद आयी , धन्यवाद ,वन्दे मातरम्. 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 24, 2012 at 5:37pm

आदरणीय अविनाश जी,  सादर अभिवादन ,  आपने रस लिया. वन्दे मातरम्. धन्यवाद 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 24, 2012 at 5:35pm

स्नेही महिमा जी,  सादर  आमीन. धन्यवाद.

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 24, 2012 at 1:16pm

आदरणीयहरीश जी , सादर अभिवादन. आपका स्नेह ही है. धन्यवाद

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
13 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"राखी     का    त्योहार    है, प्रेम - पर्व …"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"दोहे- ******* अनुपम है जग में बहुत, राखी का त्यौहार कच्चे  धागे  जब  बनें, …"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
Wednesday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service