For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बस! 
-----

कभी 

प्यादों सी
बेबसी को
जीता!
कभी
ढाई -घर 
उछलती 
अश्व -शक्ति के
जोश में
उफनता!
कभी 
ऊँट की
आडी -तिरछी
तिरपट-चालों का
नशा ढोता !
कभी
कोने में बैठे
हाथी की
कुंद होती
बुद्धिमत्ता का
अहसास झेलता!
कभी
मंत्री की
निरंकुशता के बीच
अकर्मण्य- राजा को
बात-बेबात
'शह' बोलकर
मात देने का
रंज!!!!
बस!
इन्ही
काले-सफ़ेद
घरों में
सिमट के
रह गया है
मेरे
जीवन का
शतरंज!!!!!!!
-----
अविनाश बागडे...

Views: 680

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on March 16, 2012 at 8:22pm
सचमुच बागड़े जी जीवन एक शतरंज की बिसात ही है,जहां हरेक मुहरा अपने प्रतिद्वन्दी को समेट देने पर आमादा है,हर मुहरा अपनी चाल चलता है।
एक बात और साहब अपनी बात बताउंगा-हालांकि शतरंज मेरा प्रिय खेल है और मैं समय मिलने पर जमके खेलता हूं घंटों,पर यह आइडिया मेरे दिमाग में क्यों नहीं आया आपके सोचने की क्षमता पर मुझे ईर्ष्या हो रही है।
फिल्हाल एक लम्बा सा दाद कुबूल कीजिए अपने सोचने की क्षमता के नाम पर क्योंकि शतरंज को जीवन से जोड़ने की बाजी आपने जीत।और बधाई स्वीकार कीजिए रचना पर।
Comment by AVINASH S BAGDE on March 16, 2012 at 7:31pm
.बहुत-बहुत धन्यवाद...संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी ji' ...PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA ji...MAHIMA SHREE mam.
Comment by MAHIMA SHREE on March 16, 2012 at 3:09pm
अविनाश जी
नमस्कार ..आपने बड़ी खूबसूरती से शतरंज
की चालो को बिम्ब बनाकर जीवन की विसंगतियों का तुलनात्मक प्रस्तुति दी है....बहुत -२ बधाई..
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 16, 2012 at 2:26pm

jindgi hi shatranj hai. badhai mahoday ji saadar. 

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on March 16, 2012 at 12:06pm

शतरंज को प्रतीक माध्यम बना कर जीवन के घटनाक्रम का जीवंत चित्रण किया आपने| बहुत ही अलग़ लगी यह कविता| हार्दिक बधाई|

Comment by AVINASH S BAGDE on March 16, 2012 at 10:58am

 Dr. Prachi Singh ...Thanks a lot for your valuable impression.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी आदाब, नए अंदाज़ की ख़ूबसूरत ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ।"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके संकल्प और आपकी सहमति का स्वागत है, आदरणीय रवि भाईजी.  ओबीओ अपने पुराने वरिष्ठ सदस्यों की…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपका साहित्यिक नजरिया, आदरणीय नीलेश जी, अत्यंत उदार है. आपके संकल्प का मैं अनुमोदन करता हूँ. मैं…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"जी, आदरणीय अशोक भाईजी अशोभनीय नहीं, ऐसे संवादों के लिए घिनौना शब्द सही होगा. "
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . उल्फत
"आदरणीय सुशील सरना जी, इन दोहों के लिए हार्दिक बधाई.  आपने इश्क के दरिया में जोरदार छलांग लगायी…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"माननीय मंच एवं आदरणीय टीम प्रबंधन आदाब।  विगत तरही मुशायरा के दूसरे दिन निजी कारणों से यद्यपि…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा षष्ठक. . . . आतंक
"आप पहले दोहे के विषम चरण को दुरुस्त कर लें, आदरणीय सुशील सरना जी.   "
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"आप वस्तुतः एक बहुत ही साहसी कथाकार हैं, आ० उस्मानी जी. "
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"आदरणीया विभा रानी जी, प्रस्तुति में पंक्चुएशन को और साधा जाना चाहिए था. इस कारण संप्रेषणीयता तनिक…"
3 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"सादर नमस्कार आदरणीय सर जी। हमारा सौभाग्य है कि आप गोष्ठी में उपस्थित हो कर हमें समय दे सके। रचना…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रस्तुति नम कर गयी. रक्तपिपासु या हैवान या राक्षस कोई अन्य प्रजाति के नहीं…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"घटनाक्रम तनिक खिंचा हुआ प्रतीत तो हो रहा है, लेकिन संवादों का प्रवाह रुचिकर है, आदरणीय शेख शहज़ाद…"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service