For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सबको मुबारक हो, आना नये साल का.

दिल खोल गायें, तराना नये साल का.
सबको मुबारक हो, आना नये साल का.

खुशियाँ ही खुशियाँ, दिवाली ही दिवाली हो.
हर दिन सुहाना हो, रात मतवाली हो.
शांति- सुकून हो, नज़राना नये साल का.
सबको मुबारक हो, आना नये साल का.

प्यार बिना यारों, ये ज़िन्दगी बेकार है.
मिल्लत औ चाहत, अमन का आधार है.
सुख - समृद्धि हो, खज़ाना नये साल का.
सबको मुबारक हो, आना नये साल का.

मापतपुरी सबको हो,जलवा सिंगार का.
सबको सौगात मिले, उसके सच्चे प्यार का.
ऐसा हसीन हो, बहाना नये साल का.
सबको मुबारक हो, आना नये साल का.

-गीतकार - सतीश मापतपुरी

Views: 584

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by satish mapatpuri on January 6, 2012 at 9:05pm
आदरणीय श्री, 2012 के प्रथम गीत  को आपने सराहा - मैं धन्य हुआ. नववर्ष आपके, आपके परिवार के एवंOBO के लिए मंगलमय हो.

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on January 6, 2012 at 11:15am

//शांति- सुकून हो, नज़राना नये साल का.
सबको मुबारक हो, आना नये साल का.//

वह वाह - इस मुकद्दस भावना को सलाम. आपको भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं. 

Comment by satish mapatpuri on January 1, 2012 at 9:48pm
सराहना के लिए आभार आदरणीय सौरभ भाई , 2012  का मेरा पहला गीत आपको पसंद आया, यह मेरे लिए शुभ संकेत है ............... नवा साल की मंगल कामना

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 1, 2012 at 9:30pm

क्या ही सकारात्मक कामनाएँ, क्या ही गेयता और प्रवाह भरी रचना. वाह वाह !.. . झूम-झूम गाते हुए बीते यह साल !!

आपको नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ, सतीश भाई.

Comment by satish mapatpuri on January 1, 2012 at 9:15pm
अरुण जी, नीरज साहेब , रवि जी और बागी साहेब, आप सबको मेरा गीत अच्छा लगा, इसके लिए दिल से आभार ............... आप सब को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 1, 2012 at 8:23pm
प्यार बिना यारों, ये ज़िन्दगी बेकार है.
मिल्लत औ चाहत, अमन का आधार है.
वाह वाह सतीश भईया, बहुत ही खुबसूरत गीत का तोहफा दिया है आपने नए साल का, आपको भी नव वर्ष मंगलमय हो |
Comment by Atendra Kumar Singh "Ravi" on January 1, 2012 at 5:08pm

NAYE SAAL KI PAHLI RACHNA 

LAG RAHI HAI KITNA APNA

KYA UMDA KIYA AGAAZ SIR G

HO NAV VARSH ME NUTAN SAPNA

    HAPPY NEW YEAR.........................ATENDRA KUMAR SINGH'RAVI' 

Comment by Abhinav Arun on January 1, 2012 at 3:46pm
आपके मुबारक अलफ़ाज़ में हम भी शामिल हैं और आप सबको कहते हैं नव वर्ष मंगलमय-- लेखन मय-- गीग़ज़ल मय हो !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . शृंगार

दोहा पंचक. . . . शृंगारबात हुई कुछ इस तरह,  उनसे मेरी यार ।सिरहाने खामोशियाँ, टूटी सौ- सौ बार…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।प्रदत्त विषय पर सुन्दर प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"बीते तो फिर बीत कर, पल छिन हुए अतीत जो है अपने बीच का, वह जायेगा बीत जीवन की गति बावरी, अकसर दिखी…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे,  ओ यारा, ओ भी क्या दिन थे। ख़बर भोर की घड़ियों से भी पहले मुर्गा…"
Sunday
Ravi Shukla commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज जी एक अच्छी गजल आपने पेश की है इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई आदरणीय मिथिलेश जी ने…"
Sunday
Ravi Shukla commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश जी सबसे पहले तो इस उम्दा गजल के लिए आपको मैं शेर दर शेरों बधाई देता हूं आदरणीय सौरभ…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service