बस एक छोटी सी कोशिश है लिखने की...
मन को मनाने के अंदाज निराले है
हुए नही वो हम ही उसके हवाले हैं
उसने कसम दी तो न पी अभी तक
हाथ में पकड़े लो खाली प्याले है
दिल की बात जुबां पर लाये भी कैसे
ये भीड़ नही बस उसके घरवाले हैं
बात छोटी सी भी वो समझे नही
चुप रहेंगे भला जो कहने वाले हैं
इन्तजार की भी होती है हद दोस्तों
रूक न पायेंगे हम जो मतवाले हैं
शानू
Comment
उसने कसम दी तो न पी अभी तक
हाथ में पकड़े लो खाली प्याले है
...बहुत ख़ूबसूरत गज़ल...
Sunitaji, aap ki yeh likhne ki koshish bahut kamyaab huyi hai. Bhagwaan aap ki kalam ko aur taazagi aur taqat de. Bahut bahut badhai.
Dr Shri Krishan Narang
शुक्रिया वसुधा जी पसंद करने के लिये :)
आदरणीय दुष्यन्त जी धन्यवाद।
* माफ़ कीजियेगा विश्लेषण गलत लिख बैठी थी।
आदरणीय गणेश जी, नमस्कार। मैने सोचा भी नही था आप इस कदर मेरी रचना को पढ़ कर उसका विष्लेशण करेंगे। सच पूछिये तो बहुत अच्छा लगा साफ़ दिल से आपने जो कुछ भी लिखा। यही सच है मुझे गज़ल कहना नही आता मात्र कोशिश है।
बात छोटी सी कि उसे समझ नही
चुप रहेंगे भला जो कहने वाले हैं// आपने पूछा...इस शेर से मेरा आशय मै जो लिखना चाह रही थी शायद लिख नही पाई हूँ कृपया आप मदद करें( बात छोटी सी कि उसे समझ नही यानि की इक जरा सी बात की हम उसे चाहते है वो समझ नही पाते तो भला हम जो उसे चाहते हैं चुप रह पायेंगे। :) अब भाव मैने बता दिये इन्हें आकार आप दीजिये ताकि मेरी रचना पूरी हो सके।
सादर
sundar panktiyan shanu ji....
//मन को मनाने के अंदाज निराले है
हुए नही वो हम ही उसके हवाले हैं//
वाह वाह, यक़ीनन अंदाज निराले है, खुबसूरत मतला |
//उसने कसम दी तो न पी अभी तक
हाथ में पकड़े लो खाली प्याले है//
हा हा हा हा, खाली प्याले इस उम्मीद से की शायद वो तरस खाले और कह दे कि पी ले जालिम थोड़ी सी :-)))))))
//दिल की बात जुबां पर लाये भी कैसे
ये भीड़ नही बस उसके घरवाले हैं//
वाह भाई वाह, भीड़ में घरवाले पहचान में आ गए, प्यार अंधा अभी तक नहीं हुआ या प्यार ही ना हुआ, बहुत ही खुबसूरत शे'र |
//बात छोटी सी कि उसे समझ नही
चुप रहेंगे भला जो कहने वाले हैं//
यह शे'र कुछ खास अर्थ देता हुआ नहीं लगा, या शायरा अभिव्यक्त नहीं कर सकी |
//इन्तजार की भी होती है हद दोस्तों
रूक न पायेंगे हम जो मतवाले हैं//
सही बात, सही बात, इन्तजार इन्तजार इन्तजार ......आखिर कब तक ? खुबसूरत शे'र |
शानू जी बहुत ही खुबसूरत ग़ज़ल प्रस्तुत किया है आपने, दाद कुबूल करे |
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