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असत्य स्वीकार नहीं

उषा अवस्थी

धरा पाँव जब सत्य मार्ग पर
मुश्किल पथ,आसान नहीं

सही वस्तु की ग़लत व्याख्या
इस मन का आधार नहीं

तीव्र धार की असि ग्रीवा पर
हो, असत्य स्वीकार नहीं

शान्त,अडिग,निःशंक,अकेला
"मै", लव भर का भार नहीं

दृष्टा पर अवलम्ब दृश्य
दृष्टा तो मुक्त , विकार नहीं

अकथ,अलौकिक,अतुल,अनामय
को मिथ्या स्वीकार्य नहीं

मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment

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Comment by Usha Awasthi on May 16, 2023 at 1:14pm

आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी, हार्दिक आभार आपका।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on May 16, 2023 at 12:41pm
आदरणीय उषा अवस्थी जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई. सादर.

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