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सब निरोग सब हों सुखी

कोरोना का संक्रमण सारे देश , जहान

है दुस्साध्य परिस्थिति , मुश्किल में है जान

इस संकट की घड़ी में हमको रहना एक

दृढ़ संकल्पित हों खड़े , भुला सभी मतभेद

सर्व हिताय खड़े हुए डा0 नर्स तमाम

पुलिस महकमे के लिए है आराम हराम

नित सफाई कर्मी करें बिना शिकन के काम

इनके सेवा भाव को शत , शत मेरा प्रणाम

आई है , टल जाएगी , यह जो बड़ी विपत्ति

अनुशासित घर में रहें बिना किसी आपत्ति

सब निरोग , सब हों सुखी , करना यही विचार

नि:सृत शब्दों से बहे अद्भुत शक्ति अपार

मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by Usha Awasthi on March 28, 2020 at 5:15pm

आदाब ,आभार आपका

Comment by Samar kabeer on March 28, 2020 at 4:30pm

मुहतरमा ऊषा अवस्थी जी आदाब,अच्छी रचना हुई,बधाई ।

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