For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोहे -12 (पापा कहते थे)

धैर्य रखो मत हो विकल,सुन लो मेरी बात!
अल्प दिवस हैं कष्ट के ,होगी स्वर्ण प्रभात!!

लोभ कपट को त्यागकर,मीठी वाणी बोल!!
यह जीवन का सार है,सहज वृत्ति अनमोल!!

अपनापन गोठिल जहाँ,वहाँ परस्पर द्वंद !
पापा कहते थे वहाँ ,बढ़ते दुःख के फंद!!

भ्रष्ट आचरण त्यागकर,करना मधुरिम बात !
होगी वर्षा नेह की,प्यार भरी सौगात !!

पापा कहते थे सदा,सुन लो मेरे लाल!
जीवन में होना सफल ,बहके कदम सँभाल!!

सत्कर्मों से ही सदा,होता जग में नाम!
पापा की यह सीख थी,लो विवेक से काम!!
************************************
राम शिरोमणि पाठक"दीपक"
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 583

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ajay sharma on December 27, 2013 at 11:31pm

gothil ....?    naya suna hai ...kripya kar artha bhi bataye 

Comment by ram shiromani pathak on December 20, 2013 at 1:39am

बहुत बहुत आभार आदरणीय भाई राजेश  जी////////// सादर  

Comment by ram shiromani pathak on December 20, 2013 at 1:38am

इस अमूल्य सुझाव के लिए बहुत बहुत आभार आदरणीय सौरभ जी,,,कृपा कर एक बार और देख लें आदरणीय कही कोई गलती तो नहीं ............  सादर  


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 20, 2013 at 12:35am

पापा कहते थे.. प्रभात कभी नहीं होगी.. यह हर हाल में होगा..

जय हो..

Comment by राजेश 'मृदु' on December 17, 2013 at 4:27pm

पापा की सीख को सुंदर तरीके से आपने प्रस्‍तुत किया है रामजी, आपको हार्दिक बधाई

Comment by ram shiromani pathak on December 17, 2013 at 12:11am

बहुत बहुत आभार भाई जीतेन्द्र जी। …  सादर 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on December 17, 2013 at 12:03am

पिता की सीख, हमेशा गंभीरता लिए होती है, हर एक दोहा जीवन की सफलता के लिए सार्थक सन्देश देता हुआ, बधाई स्वीकारें आदरणीय राम भाई

Comment by ram shiromani pathak on December 16, 2013 at 9:35pm

उत्साह वर्धन हेतु आभार आदरणीय गिरिराज जी,आप सही कह रहे है मुझसे गलती हुई  है । ..  सादर 

Comment by ram shiromani pathak on December 16, 2013 at 9:33pm

उत्साह वर्धन हेतु आभार आदरणीया मीना जी। ..  सादर 

Comment by ram shiromani pathak on December 16, 2013 at 9:32pm

मेरा प्रयास पर उत्साह वर्धन हेतु आभार आदरणीय आशुतोष जी। ..  सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे रचे हैं। हार्दिक बधाई।"
Tuesday
Sushil Sarna posted blog posts
Sunday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 167 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है ।इस बार का…See More
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service