For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गीत... ओ बरसते मेघ प्यारे-बृजेश कुमार 'ब्रज'

मनोरम छंद SISS SISS पे आधारित गीत

ओ बरसते मेघ प्यारे

चल रही पुरवा सुहानी
प्रीत की कहती कहानी
नीर जो अम्बर से बरसे
आसुओं की है रवानी
बात ये उनको बता रे
ओ बरसते मेघ प्यारे

खुशनुमा कुछ पल चुरा लूँ
संग तेरे मैं भी गा लूँ
बीत जायेगा ये मौसम
आँख में तुझको समा लूँ
रुक जरा सा हे सखा रे
ओ बरसते मेघ प्यारे

राह तेरी तकते तकते
साल बीता है बिलखते
जो बसे थे उर नगर में
रह गये सपने सुलगते
मोर दादुर भी पुकारे
ओ बरसते मेघ प्यारे

पतझरों की आँधियों में
पुष्प की बरबादियों में
चीखता उपवन अकेला
मौन सी आबादियों में
है क़यामत ये सदा रे
ओ बरसते मेघ प्यारे

माह वो मधुमास का था
छीजते विस्वास का था
था किया रोपण जतन से
वृक्ष जो इक आस का था
सूख के काँटा हुआ रे
ओ बरसते मेघ प्यारे रे
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
बृजेश कुमार 'ब्रज'

Views: 1003

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 17, 2017 at 5:38pm
आदरणीय समर कबीर जी ऐसा लिख कर शर्मिंदा न करें..आप बड़े है और सदैव सम्माननीय हैं..आपसे हमेशा कुछ न कुछ सीखने को ही मिलता है..सादर
Comment by Samar kabeer on November 17, 2017 at 5:13pm
जी,इस गीत में तुकान्तता सही है,ग़लती मेरी है कि 'आँधियों'वाली पंक्ति को नज़र अंदाज़ कर गया,क्षमा चाहता हूँ ।
Comment by Samar kabeer on November 17, 2017 at 5:07pm
जी,इस गीत में तुकान्तता सही है,क्षमा चाहता हूँ,'आंधियों'वाली पंक्ति को मैं नज़र अंदाज़ कर गया था ।
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 17, 2017 at 12:57pm
आदरणीय सौरभ जी आपकी टिप्पड़ी से मन में उत्पन्न संशय दूर हुआ आपका ह्रदय से अभिनन्दन..बाकी सुधार करता हूँ..सादर

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 17, 2017 at 12:19am

गीत-विधा के अनुसार इस प्रस्तुति में तुकान्तता को लेकर कोई समस्या नहीं है. 

’साल’ पुल्लिंग हुआ करता है.

गीत रचना के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 16, 2017 at 11:15pm
ओह्ह..आपका इशारा समझ गया...अभी भी थोडा संशय है..क्या तुकांत का निर्धारण पहली दो पंक्तियों से नहीं हो जाता है??
अर्थात प्रथम दो पंक्तियों में तुकांत इयों हुआ तो आगे सिर्फ वही नहीं माना जा सकता??सादर
Comment by Samar kabeer on November 16, 2017 at 9:53pm
'आंधियों' के साथ 'बर्बादियों'की तुकान्तता सही है,लेक़ीन 'बर्बादियों'और 'आबादियों'दोनों शब्दो में 'बादीयों'की समानता इसे ग़लत कर रही है ।
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 16, 2017 at 9:04pm
उचित है आदरणीय साल को लेकर संशय समाप्त हुआ..हार्दिक आभार..लेकिन
आँधियों में
बर्बादियों में
चीखता उपवन अकेला
आबादियों में..इसमें तुकांतता की भिन्नता मेरी समझ में नहीं आ रही है??
Comment by Samar kabeer on November 16, 2017 at 8:26pm
'साल'शब्द पुल्लिंग है, और इसे 'साल बीत गई'नहीं,"साल बीत गया कहा जाता है ।
'यों' की तुकान्तता कैसे सही होगी?ग़ौर किंजियेगा ।
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 16, 2017 at 6:33pm
आदरणीय प्रदीप जी सादर धन्यवाद

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रस्तुति की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. यहाँ नियमित उत्सव…"
36 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, व्यंजनाएँ अक्सर काम कर जाती हैं. आपकी सराहना से प्रस्तुति सार्थक…"
41 minutes ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सूक्ष्म व विशद समीक्षा से प्रयास सार्थक हुआ आदरणीय सौरभ सर जी। मेरी प्रस्तुति को आपने जो मान…"
49 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सम्मति, सहमति का हार्दिक आभार, आदरणीय मिथिलेश भाई... "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"अनुमोदन हेतु हार्दिक आभार सर।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति, स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत आभार।"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ सर, आपकी टिप्पणियां हम अन्य अभ्यासियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होती रही है। इस…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार सर।"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। सादर"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मिथिलेश भाई, ओबीओ की परम्परा का क्या ही सुन्दर उदाहरण प्रस्तुत किया है आपने ! जय…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा है। सादर"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मेरे कहे को मान देने और अनुमोदन हेतु आभार। सादर"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service