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हिंदी दिवस की शुभ कामनाओं के साथ  कुछ दोहे -

हमें बढ़ाना मान (दोहे)
=================
हिंदी में साहित्य का, बढ़ा खूब भण्डार 
हम संस्कृति का देखते, शब्दों में श्रृंगार |

कविता दोहा छंद में, सप्त सुरों का राग 
गीत गीतिका छंद में, भरें प्रेम अनुराग |

अपनी भाषा का सदा, उन्नत रखना भाल 
हिंदी भाषा का नहीं, कोई यहाँ अकाल |

जन प्रतिनिधि रहते सदा,क्यों हिंदी से दूर 
घर घर में जब बोलते, हिंदी में भरपूर |

भाषा की सम्पन्नता, है हिन्दी की शान 
हिंदी में ही बोलकर, हमें बढ़ाना मान |

राष्ट्र संघ में बोलकर, दिखा चुके जज्बात ,
हीन भाव लाये बिना, हो हिंदी में बात |

भाषा की सम्पन्नता, इसकी अब पहचान,
जग की भाषा बन सके, इतनी क्षमतावान |

हिंदी का उत्सव मने, काव्य भरे आनंद 
नवरस में पहचानते, हिंदी में ही छंद |

एक अरब समझें यहाँ,हिन्दी में संवाद,
करते साठ करोड़ है, हिंदी में फ़रियाद |

हृदय बसी हिंदी यहाँ,सुनों गान भरपूर,
सरल सहज हिंदी लगे, जनवाणी में नूर |

(अप्रकाशित एवं मौलिक) 

- लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला

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Comment by Samar kabeer on September 15, 2016 at 4:03pm
जनाब लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला जी आदाब,आपको भी हिन्दी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं ।हिन्दी दिवस को समर्पित बहुत सुंदर और सार्थक दोहे लिखे आपने इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Meena Pathak on September 15, 2016 at 3:37pm

क्या बात ! अति सुन्दर दोहे ..बहुत बहुत बधाई | सादर 

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