For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शेर-सा, बाघ-सा, तेंदुआ-सा लगा (ग़ज़ल)

212  212  212  212

शेर-सा, बाघ-सा, तेंदुआ-सा लगा

शह्र में हर कोई भागता-सा लगा

अक्स उसने दिखाया मेरा हू-ब-हू

आज कोई मुझे आइना-सा लगा

यूं मुझे ज़ीस्त के तज़्रिबे थे कई

तज़्रिबा इश्क़ का पर नया-सा लगा

क़ामयाबी मुक़द्दर के हाथ आ गई

कोशिशों से कोई ढूंढता-सा लगा

त्यौरियां हुक्मरानों की चढ़ने लगीं

जब भी आम-आदमी खुश ज़रा-सा लगा

जिस्म-ओ-जां एक कब के हुए थे,मगर

दरमिया कुछ-न-कुछ फ़ासला-सा लगा

कुछ परिंदों का जब से बसेरा हुआ

वो शजर उम्र-भर फिर हरा-सा लगा

=======================

जयनित कुमार मेहता

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 851

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on February 21, 2016 at 3:02pm
जनाब जयनित कुमार मेहता जी आदाब,बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं !
Comment by Dr Ashutosh Mishra on February 21, 2016 at 1:56pm

इस शानदार ग़ज़ल के लिए तहे दिल बधाई स्वीकार  करें 

शेर-सा, बाघ-सा, तेंदुआ-सा लगा

शह्र में हर कोई भागता-सा लगा....क्या बात है  बेहतरीन 

Comment by मोहन बेगोवाल on February 20, 2016 at 5:25pm

  जयनित जी सुंदर ग़जल के लिए धन्यवाद

अक्स उसने दिखाया मेरा हू-ब-हू

आज कोई मुझे आइना-सा लगा - बधाई हो 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"स्वागतम"
49 minutes ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"जी बहुत शुक्रिया आदरणीय चेतन प्रकाश जी "
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
3 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.लक्ष्मण सिंह मुसाफिर साहब,  अच्छी ग़ज़ल हुई, और बेहतर निखार सकते आप । लेकिन  आ.श्री…"
5 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.मिथिलेश वामनकर साहब,  अतिशय आभार आपका, प्रोत्साहन हेतु !"
5 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"देर आयद दुरुस्त आयद,  आ.नीलेश नूर साहब,  मुशायर की रौनक  लौट आयी। बहुत अच्छी ग़ज़ल…"
5 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
" ,आ, नीलेशजी कुल मिलाकर बहुत बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई,  जनाब!"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।  गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। भाई तिलकराज जी द्वार…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए आभार।…"
7 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तितलियों पर अपने खूब पकड़ा है। इस पर मेरा ध्यान नहीं गया। "
7 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी नमस्कार बहुत- बहुत शुक्रिया आपका आपने वक़्त निकाला विशेष बधाई के लिए भी…"
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service