पाठ्य पुस्तक में अपनी कविता देखकर कविता बहुत खुश हुई।पर यह क्या,कवयित्री की जगह तो नाम किसी कामिनी देवी का था।उसने कामिनी देवी का पता नोट किया,पता करने पर पता चला कि कामिनी एक बहुत ही लब्ध-प्रतिष्ठ हिंदी साहित्यकार के खानदान से है,जो अब इस दुनिया में नहीं हैं।कविता कामिनी से मिलने पहुँच गयी,बोली-
'तुमसे ऐसी उम्मीद न थी ।तूने मेरी कविता अपने नाम से पाठ्य क्रम में शामिल करा लिया।'
- 'ऐसी उम्मीद तो तुमसे मुझे नहीं थी,तू मेरी कविता को अपनी कह रही।'
-'अच्छा,चोरी और सीनाजोरी?'
-'होश की बातें करो,मैं तेरे मुँह नहीं लगना चाहती,अपनी साहित्यिक विरासत का मुझे तो खयाल रखना है न?
-'मेरी यह कविता दस वर्ष पहले हैदराबाद के प्रतिष्ठित हिंदी अखबार में छपी थी',कविता गुर्रायी।
-'ज्यादा तेवर न दिखा,हो सकता है तूने मेरी कविता तब चुरा ली हो',कामिनी रोबीले अंदाज में बोली।
कविता हतप्रभ थी।उसकी मान्यता कि अप्रकाशित रचनाओं की ही चोरी होती है अब बदल चुकी थी।
.
'मौलिक व अप्रकाशित'
Comment
आदरणीय मनन जी, आज साहित्य चोरी आम बात हो गयी है, हालाकि यदि रचना पूर्व में प्रकाशित हुई है और चोरी कर पाठ्य पुस्तक में प्रकाशित हुई है तो केस किया जा सकता है और कोई भी होगा केस करेगा ही. बहरहाल एक ज्वलंत मुद्दे को हवा देने में लघुकथा कामयाब हुई है, बहुत बहुत बधाई.
अच्छी रचना है .. पहले तो लगा ही नहीं की लघुकथा है .. शुरू भी नहीं हुई और ख़तम हो गयी ..
बढियां सन्देश
आदरणीय मननजी, आपने प्लगियरिजम की स्थिति को जिस गहनता से उठाया है वह आपकी संवेदना का परिचायक है.
हार्दिक बधाई स्वीकारें.
बहुत अच्छी प्रस्तुति! रचनाएँ चोरी तो होती है, पर अगर बड़े चोरी करें तो मान्यता तो बदलती हाई है
आदरणीय मनन भाई , इस फेस बुकी युग मे बहुत सार्थक रचना लगी आपकी , हार्दिक बधाई आपको ।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!आ० मनन जी! हार्दिक बधाई! सादर!
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online