For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ख़ुद ही देखी है किसी को न दिखाई मैंने

फ़ाइलातुन फ़इलातुन फ़इलातुन फ़ेलुन/फ़इलुन

ख़ुद ही देखी है किसी को न दिखाई मैंने
तेरी तस्वीर तसव्वुर से बनाई मैंने

ख़ाक पड़ जाएगी कितने ही हसीं चहरों पर
आईने से जो कभी गर्द हटाई मैंने

मुझको पाबंदियाँ ओरों की गवारा ही नहीं
ख़ुद ही अपने लिये ज़ंजीर बनाई मैंने

अपनी ग़ज़लों से संवारूँगा ये बज़्म-ए-हस्ती
उम्र सारी इसी चक्कर में गँवाई मैंने

अर्श हिलता है ,ज़मीं काँपने लगती है,यही
आह-ए-मज़लूम की तासीर बताई मैंने

वो भी बैज़ार नज़र आने लगे अब तो "समर"
छोड़ दी जिनके लिये सारी ख़ुदाई मैंने

"समर कबीर"
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 1077

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hari Prakash Dubey on May 18, 2015 at 11:30pm

आदरणीय  समर  साहब  , कसम  से  मुझे  यह  विधा बहुत  प्यारी  लगती है , और  आप  , मिथिलेश भाई , निलेश जी , शिज्जू  सर , और  खुर्शीद  भाई  इसके  बड़े  जानकार  , सच में मन  करता है  कभी  इस पर  सब  बैठें और  मैं सीख  लूं  !  बहरहाल आपको  इस  रचना  पर  बहुत - बहुत  बधाई  ! सादर  

ख़ुद ही देखी है किसी को न दिखाई मैंने
तेरी तस्वीर तसव्वुर से बनाई मैंने

ख़ाक पड़ जाएगी कितने ही हसीं चहरों पर
आईने से जो कभी गर्द हटाई मैंने

मुझको पाबंदियाँ ओरों की गवारा ही नहीं
ख़ुद ही अपने लिये ज़ंजीर बनाई मैंने


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on May 18, 2015 at 10:55pm

आदरणीय समर कबीर जी बहुत ही बेहतरीन और उम्दा ग़ज़ल हुई है 

शेर दर शेर दाद कुबूल फरमाएं 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 18, 2015 at 11:10am

आदरणीय समर भाई , किसी एक दो  शे र की क्या बात , पूरी गज़ल मे आपकी उस्तादी की छाप है , जितनी चाहें आप बधाइयाँ हाज़िर है

आपको हृदय बधाइयाँ ॥

Comment by Shyam Narain Verma on May 18, 2015 at 10:19am
"क्या बात है ..... बहुत खूब ... बधाई आप को "
Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on May 18, 2015 at 8:13am

वाह वाह ...हर शेर ग़जब ....बधाई 

Comment by दिनेश कुमार on May 17, 2015 at 9:41pm
वाह वाह वाह ..!! क्या ग़ज़ल हुई है सर । ढेरों दाद व मुबारकबाद। उस्तादाना ग़ज़ल।
Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 17, 2015 at 5:47pm

आहा ...वाह वाह ..क्या ज़िन्दाबाद ग़ज़ल हुई है ..बहुत बहुत बधाई 

Comment by मनोज अहसास on May 17, 2015 at 4:36pm
आदाब सर
बहुत खूबसूरत तस्वीर की बधाई
सादर
Comment by Sushil Sarna on May 17, 2015 at 2:30pm

ख़ुद ही देखी है किसी को न दिखाई मैंने

तेरी तस्वीर तसव्वुर से बनाई मैंने


ख़ाक पड़ जाएगी कितने ही हसीं चहरों पर

आईने से जो कभी गर्द हटाई मैंने


वाह आदरणीय … कायल हो गए आपकी कलमगिरी के … क्या कहें और कैसे कहें आपकी तारीफ़ में … बहरहाल दिली दाद कबूल फरमाएं सर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"जय हो.. "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह .. एक पर एक .. जय हो..  सहभागिता हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय अशोक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"क्या बात है, आदरणीय अशोक भाईजी, क्या बात है !!  मैं अभी समयाभाव के कारण इतना ही कह पा रहा हूँ.…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुतियों पर विद्वद्जनों ने अपनी बातें रखी हैं उनका संज्ञान लीजिएगा.…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी सहभागिता के लि हार्दिक आभार और बधाइयाँ  कृपया आदरणीय अशोक भाई के…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाई साहब, आपकी प्रस्तुतियाँ तनिक और गेयता की मांग कर रही हैं. विश्वास है, आप मेरे…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, इस विधा पर आपका अभ्यास श्लाघनीय है. किंतु आपकी प्रस्तुतियाँ प्रदत्त चित्र…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मिथिलेश भाईजी, आपकी कहमुकरियों ने मोह लिया.  मैंने इन्हें शमयानुसार देख लिया था…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार.…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय मिथिलेश जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से आभार.…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"    प्रस्तुति की सराहना हेतु हृदय से आभार आदरणीय मिथिलेश जी. सादर "
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service