For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"पीपल वही पुराना हो"

नवजीवन में नव आशा से

नव नूतन कुछ कर्म करें

नव भक्ति से नव शक्ति से

शुभ नया वर्ष प्रारम्भ करें !

नयी सोच हो नए इरादे

नव सरिता की गागर हो

लक्ष्य नए आयाम नए

नव अभिलाषा का सागर हो !

नव बातें नव किस्सें हो

पर पीपल वही पुराना हो

हो ताल नयी हो राग नए

पर मन में वही तराना हो !

हो नया जोश हो नया सफ़र

नव नौका हो नव धारा हो

नव रिश्तें हों नव जीवन के

पर प्रेम पुरातन प्यारा हो !

जो बीत गया सो बीत गया

अब प्रिय नया संघर्ष करें

नव खुशियों से नव चाहत से

शुभ नया वर्ष प्रारंभ करें !!

© हरि प्रकाश दुबे

"मौलिक व अप्रकाशित"

        

Views: 684

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hari Prakash Dubey on January 3, 2015 at 9:10pm

आदरणीय  गिरिराज  भंडारी सर , आपने रचना पढ़ी , उत्साहित महसूस हुआ , बहुत बहुत आभार आपका !

Comment by Hari Prakash Dubey on January 3, 2015 at 9:03pm

रचना पर आपकी उपस्तिथि के लिए  आपका बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय रमेश कुमार चौहान साहब !

Comment by Hari Prakash Dubey on January 3, 2015 at 8:59pm

आदरणीय मिथिलेश जी उत्साहवर्धन हेतू आपका हार्दिक आभार !

Comment by Hari Prakash Dubey on January 3, 2015 at 8:57pm

ह्रदय से आभार आपका आदरणीय डॉक्टर गोपाल नारायण श्रीवास्तव सर , आपके मार्गदर्शन की सदैव आकांक्षा है. सादर.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 3, 2015 at 8:54pm

अदरणीय हरि प्रकाश भाई , बहुत सुन्दर संदेश दिया है आपने रचना के माध्यम से , बधाई आपको ।

Comment by Hari Prakash Dubey on January 3, 2015 at 8:53pm

ह्रदय से आभार आपका आदरणीय सुशील  सरना जी ! सादर 

Comment by रमेश कुमार चौहान on January 3, 2015 at 7:13pm

नवपर्ष पर आपका संकल्प उत्तम है । बधाई आपको आदरणीय दुबेजी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 3, 2015 at 6:12pm

हो नया जोश हो नया सफ़र

नव नौका हो नव धारा हो

नव रिश्तें हों नव जीवन के

पर प्रेम पुरातन प्यारा हो !

बहुत सुन्दर पंक्तियाँ है ............ हार्दिक बधाई 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on January 3, 2015 at 4:25pm

हो नया जोश हो नया सफ़र

नव नौका हो नव धारा हो

नव रिश्तें हों नव जीवन के

पर प्रेम पुरातन प्यारा हो------------------अतीव सुन्दर i आदरणीय i

Comment by Sushil Sarna on January 3, 2015 at 3:21pm

जो बीत गया सो बीत गया
अब प्रिय नया संघर्ष करें
नव खुशियों से नव चाहत से
शुभ नया वर्ष प्रारंभ करें !!

वाह आदरणीय बहुत सुंदर प्रस्तुति .... रचना में भावों का सुंदर समावेश हो हुआ है .... नव वर्ष के इन भावों को मेरा हार्दिक सलाम और नव वर्ष की बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"गजल**किसी दीप का मन अगर हम गुनेंगेअँधेरों    को   हरने  उजाला …"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई भिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर उत्तम रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service