For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरे गीतों में मीरा दीवानी सही

ओ.बी.ओ. के पावन मंच और गुरुजनों को सादर प्रणाम करता हूँ. समयाभाव के चलते  नियमित रूप से मंच से जुड नही पा रहा हूँ इसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ  और आप सबके बीच कुछ मुक्तक निवेदित कर रहा हूँ. कृपया मार्गदर्शन करें .सादर

क्यूँ कभी प्रेम की ये निशानी लगे.

अश्रुपूरित कभी  ये जवानी  लगे.

ओस बन खो गये हैं हवा में कहीं,

बूँद पानी  की ये  जिंदगानी  लगे.

प्रेम  की  बागवानी  पुरानी  सही.

कृष्ण-राधा की प्यारी कहानी सही.

तुम लिखो फूल को शूल चाहे अनल,

मेरे गीतों  में  मीरा  दीवानी  सही .

शब्द से खेलना हमको आता नहीं.

तौल कर बोलना हमको आता नहीं.

जिंदगी   प्रेम  का गीत  है साथियों,

द्वैष विष घोलना हमको आता नहीं.

गीत कविता गजल गुनगुनाता चलूँ.

आँख से  आँसुओं  को  चुराता  चलूँ.

प्यार की धुन बनो तो गजल मैं कहूँ,

साथ जन्मों जनम तक निभाता चलूँ.

*मौलिक एवं अप्रकाशित*

    शैलेंद्र सिंह 'मृदु'

Views: 800

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 5, 2013 at 3:18pm
आदरणीय..शेलेन्द्र सिंह जी, बहुत ही खूबसूरत पंक्तिया, ""शब्द से खेलना हमको आता नहीं.

तौल करबोलना हमकोआता नहीं.

जिंदगी प्रेम का गीत है साथियों,
,
द्वैष विष घोलना हमको आता नहीं."".....सुंदर,सरल सहज रचना के लिए हार्दिक शुभकामनाऐं
Comment by Sumit Naithani on July 5, 2013 at 2:35pm

शब्द से खेलना हमको आता नहीं.

तौल कर बोलना हमको आता नहीं....सुंदर ...मगर बात को हमेशा तोल के ही बोलिए....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"एक छोटा सा अंतर है किसी को अपना उस्ताद या गुरु मानते हुए संबाेधित करने और मंच पर किसी…"
21 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय जयहिंद जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
44 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने गिरह भी ख़ूब है बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
46 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार एक ग़ज़ल क ही आपने बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
47 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"इतनी मुश्किल भी नहीं सच्ची कहानी लिखना एक राजा की मुहब्बत में है रानी लिखना उसकी तारीफ़ में जो…"
49 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय जयहिंद जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
50 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय लक्ष्मण जी  बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
51 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय Aazi जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
51 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय गजेन्द्र जी बहुत शुक्रिया आपका बेहतरी का प्रयास करूंगी सादर"
51 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय मिथिलेश जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
52 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय दयाराम जी  बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
52 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय मिथिलेश जी नमस्कार  अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिए गिरह भी ख़ूब  सादर"
54 minutes ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service