For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जय अम्बे जय मातु भवानी

जय जननी जय जगकल्यानी

जय बगुला जय विन्ध्यवासिनी

जय वैष्णव जय सिंहवाहिनी

 

कण कण में है वास तिहारा

तुम जग की हो पालनहारा

करूणा की हो सागर माता

तू सबकी है भाग्य विधाता

 

दूजा को है तुम सम ज्ञानी

मैया तू जग की महरानी

हम सब माता बालक तेरे

हित अनहित सब है वश तेरे

 

शरण पड़े माता हम तोरे

विनती करूं मात कर जोरे

इन चरणों में शीश नवावें

तेरी महिमा नित प्रति गावें

               - बृजेश नीरज

 

Views: 590

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by रविकर on March 3, 2013 at 12:53pm

सादर नमन-

आपका आभार आदरणीय-

Comment by pawan amba on March 3, 2013 at 12:38pm

इन चरणों में शीश नवावें

तेरी महिमा नित प्रति गावें.....जय माता दी ..

Comment by ram shiromani pathak on March 3, 2013 at 11:39am

आदरणीय बृजेश कुमार सिंह (बृजेश नीरज)  जी बधाई स्वीकारें !!!!!!!!!!!बहोत ही बढ़िया .............जय माता दी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
29 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"जी आ मैं आपसे सहमत हूँ लेकिन इस तरह से भी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए बिना सोचे समझे आप कह रहें हैं…"
5 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"जी आ अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकारें इस्लाह भी ख़ूब हुई है"
5 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"जी आ अच्छी ग़ज़ल हुई गुणीजनों की इस्लाह भी ख़ूब हुई है बधाई स्वीकार करें"
5 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"ख़ूब ग़ज़ल हुई आ रिचा जी बधाई स्वीकार करें"
5 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"जी आ अच्छी ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार करें इस्लाह भी ख़ूब हुई"
5 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"ख़ूब कही अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें आ"
5 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"अच्छी और अलग अंदाज़ की ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें आ"
5 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"जी अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें आ अमीर जी"
5 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"जी आ अच्छी ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई आ अमित जी की इस्लाह भी ख़ूब हुई"
5 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"बहुत बहुत शुक्रिया आ"
5 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"बहुत बहुत शुक्रिया आ"
5 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service