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१.

एक तस्वीर.
पुष्प छिपे कंटक.
कसी जंजीर.
२.
नित्य विकास.
प्रकृति उपेक्षित.
नित्य विनाश.
३.
बाल श्रमिक.
कैद में बचपन.
निष्ठुर गिद्ध.
४.
जनता त्रस्त.
आन्दोलन की गूँज.
नेता अभ्यस्त.
५.
तमस तले.
वो बीपीएल गाँव.
चिराग जले.
६.
पैना शिकंजा.
नशे- धुंए में युवा.
काल का पंजा.
७.
हैं पराधीन.
दुर्गुण ग्रस्त जन.
बनें स्वाधीन.
८.
निर्बुद्ध वंश.
कन्या भ्रूण मारते.
कंटीले दंश.
९.
सद्गुण ज्वाला.
व्यक्तित्वाग्नि प्रदीप्ति.
तम उजाला.

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Comment by AVINASH S BAGDE on August 16, 2012 at 10:01am

जनता त्रस्त.

आन्दोलन की गूँज.
नेता अभ्यस्त....sateek  Prachi mam.

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 16, 2012 at 10:00am
नित्य विकास.
प्रकृति उपेक्षित.
नित्य विनाश.
 
जनता त्रस्त.
आन्दोलन की गूँज.
नेता अभ्यस्त.
 
निर्बुद्ध वंश.
कन्या भ्रूण मारते.
कंटीले दंश.
आपके सभी हाइकू सारगर्भित और स्पष्ट हैं. हुआ उत्तम प्रयास मनमुग्ध कर गया, डॉ. प्राची. उपरोक्त हाइकू पर विशेष पर बधाई स्वीकार करें.
हार्दिक शुभेच्छाएँ.
Comment by राजेश 'मृदु' on August 15, 2012 at 9:45pm

अच्‍छे हाइकु, पूरे देश की तस्‍वीर उभर आती है

कृपया ध्यान दे...

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