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खूबसूरत [लघु कथा]

शन्नो की सगी बहन मन्नु लेकिन शक्ल सूरत में जमीन आसमान का अंतर , अपने माता पिता की लाडली शन्नो इतनी सुंदर  थी मानो आसमान से कोई परी जमीन पर उतर आई हो ,बेचारी मन्नु  को अपने साधारण रंग रूप के कारण सदा अपने माता पिता की उपेक्षा का शिकार होना पड़ता था |शन्नो अपने माँ बाप के लाड और अपनी खूबसूरती के आगे किसी को कुछ समझती ही नही थी |एक दिन दुर्भाग्यवश उनकी माँ  बहुत बीमार पड़ गई ,सारा दिन बिस्तर पर ही लेटी रहती थी ,मन्नु ने अपनी माँ की सेवा के साथ साथ घर का बोझ भी अपने कंधों पर ले लिया ,उसकी नकचढ़ी बहन किसी भी काम में उसका हाथ नही बंटाती थी |धीरे धीरे मन्नु की मेहनत रंग ले आई और उसकी माँ के स्वास्थ्य में सुधार होना शुरू हो गया,अपनी बेटी को  इतना काम करते देख उसके माँ बाप की आँखों में आंसू आ गये ,उन्होंने उसे गले लगा लिया ,वह जान चुके थे असली खूबसूरती तो मन की होती है |

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Comment by Rekha Joshi on August 1, 2012 at 11:55am

आपके अनमोल कमेन्ट के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ,सदीप जी 

Comment by Rekha Joshi on August 1, 2012 at 11:53am

असली सुन्दरता तो मन की होती है ,आपको कथा पसंद आई ,आपका बहुत बहुत धन्यवाद ,वसुधा जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 1, 2012 at 11:53am
बहुत खूबसूरती के साथ प्रस्तुत इस लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई आ. रेखा जी  
Comment by Albela Khatri on August 1, 2012 at 11:24am

waah .........

bahut khub !

nice post !

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on August 1, 2012 at 10:58am

बहुत सुन्दर  कथा हार्दिक बधाई आपको आदरणीया रेखा जी .............................खूबसूरती वरदान तो है किन्तु हृदय की खूबसूरती के आगे कुछ भी नहीं

Comment by Vasudha Nigam on August 1, 2012 at 10:19am

सुंदर कथा

काश की सभी लोग इसी तरह रंग भेद से बाहर निकल कर मन की खूबसूरती को समझ पाते। 

संदेशपूर्ण इस कथा के लिए धन्यवाद। 

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