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परिवर्तन के नाम पर ,अलग -अलग है सोच 

किसी ने वरदान कहा ,इसे किसी ने बोझ ||

परिवर्तन वरदान है ,या कोई अभिशाप 

एक को बांटे खुशियाँ ,दूजे को संताप ||

विघटित करके देश के ,कई प्रांत बनवाय 

महा नगर विघटित हुए ,इक -इक शहर बसाय||

शहर- शहर विघटित हुए ,और बन गए ग्राम 

ग्रामों में गलियाँ बनी ,परिवर्तन से  धाम||

घर बाँट दीवार कहे ,परिवर्तन की खोज

बूढ़े मात -पिता कहें ,ये छाती पर सोज ||

जो नियम भगवान् रचे ,वो वरदान कहाय

मौसमी परिवर्तन पर ,प्रकृति शीश नवाय||

कहीं -कहीं इंसान ने ,खूब  किये हैं काम 

परिवार नियोजित किये ,परिवर्तन के नाम ||

दोष पतन की खान हैं ,जाने सकल जहान

स्वभाव परिवर्तित करे ,वो इंसान महान ||

जो प्रकृति से छल करे ,स्वारथ हित में रोज 

वो परिवर्तन तो बने ,उस जीवन पर सोज  ||

परिवर्तन वरदान बन ,प्रगति प्रशस्त कराय

बसा रहा स्वारथ अगर ,काल गर्त बन जाय ||

********

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Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 13, 2012 at 4:14pm

पुनः स्वागत है आदरेया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 13, 2012 at 3:44pm

अम्बरीश जी बहुत बहुत शुक्रिया 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 13, 2012 at 3:43pm

रेखा जी बहुत बहुत हार्दिक आभार 

Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 13, 2012 at 3:33pm

आदरेया राजेश जी व आदरेया सीमा जी ! आप दोनों का स्वागत है ....

Comment by Rekha Joshi on July 13, 2012 at 3:14pm

आदरणीया राजेश जी ,

परिवर्तन वरदान बन ,प्रगति प्रशस्त कराय

बसा रहा स्वारथ अगर ,काल गर्त बन जाय ||,सुंदर भाव लिए सुंदर रचना पर हार्दिक बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 13, 2012 at 12:04pm

सीमा जी इतने बारीकी से नियमों को बताने के लिए हार्दिक आभार 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 13, 2012 at 12:02pm

अरुण शर्मा जी हार्दिक आभार 

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 13, 2012 at 11:25am

वाह आदरणीया बेहद खुबसूरत दोहे, हृदय भाव विभोर हो उठा.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 13, 2012 at 10:29am

संदीप कुमार पटेल जी हार्दिक आभार सुधिजनो के परामर्श पर अमल हो गया है |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 13, 2012 at 9:33am

अम्बरीश श्रीवास्तव जी जब जब आप गुनी लोगों ने परामर्श दिया मुझे सच में बहुत हार्दिक प्रसन्नता हुई की मेरी रचना को बारीकी  से पढ़ा गया मेरी रचना को वक़्त  दिया गया और जिनपर मेरा ध्यान नहीं गया उस त्रुटी की और मेरा ध्यान आकर्षित किया आप सभी के परामर्श को ध्यान में रखते हुए वांछित सुधार कर रही हूँ ताकि मेरी रचना कसौटी पर कस कर खरी हो जाए 

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