For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जीवन के दोहे :


बड़ा निराला मेल है, श्वास देह का संग।
जैसे चन्दन से लिपट, जीवित रहे भुजंग।1।

अजब जहाँ की रीत है, अज़ब यहाँ की प्रीत।
कब नैनों की रार से, उपजे जीवन गीत ।2।

बड़ा अनोखा ईश का, है आदम उत्पाद।
खुद को कहता है खुदा, वो आने के बाद।3।

झूठे रांझे अब यहां, झूठी उनकी हीर।
झूठा नैनन नीर है, झूठी उनकी पीर।4।

जैसे ही माँ ने रखा, बेटे के सर हाथ।
बह निकली फिर पीर की, गंगा जमुना साथ।5।

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 827

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on August 26, 2018 at 1:28pm

आदरणीय  बृजेश कुमार 'ब्रज' .जी. सृजन के भावों को मान देने का दिल से शुक्रिया।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on August 25, 2018 at 8:45pm

वाह बहुत ही उत्तम दोहे आदरणीय

Comment by Sushil Sarna on August 25, 2018 at 5:55pm

आदरणीय vijay nikore जी सृजन के भावों को आत्मीय मान देने का दिल से शुक्रिया।

Comment by Sushil Sarna on August 24, 2018 at 5:38pm

आदरणीया Neelam Upadhyaya जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार।

Comment by Neelam Upadhyaya on August 24, 2018 at 4:10pm

आदरणीय सुशील सरना जी, नमस्कार ।  बहुत ही अच्छे दोहों के रचना पर  बधाई स्वीकार करें। 

Comment by Sushil Sarna on August 24, 2018 at 3:38pm

आदरणीया बबिता गुप्ता जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on August 24, 2018 at 3:37pm

आदरणीय हरिहर झा साहिब, सादर प्रणाम ... सृजन आपकी मधुर प्रशंसा का आभारी है।

Comment by Sushil Sarna on August 24, 2018 at 3:35pm

आदरणीय पंकज कुमार मिश्रा जी सृजन की समीक्षात्मक प्रतिक्रिया का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on August 24, 2018 at 3:34pm

आदरणीय नरेन्द्रसिंह जी सृजन आपकी मधुर प्रतिक्रिया का आभारी है।

Comment by Sushil Sarna on August 24, 2018 at 3:34pm

आदरणीय डॉ छोटेलाल सिंह जी सृजन को आत्मीय मान देने का दिल से आभार।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
4 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
7 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
21 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
23 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय, दयावान मेठानी , गीत,  आपकी रचना नहीं हो पाई, किन्तु माँ के प्रति आपके सुन्दर भाव जरूर…"
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service