For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

1212-1122-1212-22
--------------------
.
यकीन कर लो समन्दर में आब-रूद नहीं
जवान दिल में अगर कोई मौज-ए-दूद नहीं
.
जुनून-ए-इश्क़ भी ढ़लता है रोज़-ए-वस्ल के बाद
ये कहकशाँ भी हक़ीक़त में बे-हुदूद नहीं
.
मैं तेरी गर्मी-ए-हिजरत से भी हूँ वाबस्ता
मेरा वुजूद कोई बर्फ का जुमूद नहीं
.
ब-रोज़-ए-हश्र ऐ दिल तेरा वह'म टूटेगा
तू सोचता, तेरे आमाल के शुहूद नहीं
.
तवील दौर है गर्दिश का तेरी क़िस्मत में
कि तेरा ताब-ओ-तवाँ खोना फ़ेल-ए-सूद नहीं
.
किताब-ए-वक़्त के औराक़ पर लिखा है यही
सिवा ख़ुदा के यहाँ कुछ नुमूद-ओ-बूद नहीं
.
सुकून-ए-दिल भी मिलेगा जहाँ की खुशियाँ भी
ख़ुदा के दर से उठे गर सर-ए-सुजूद नहीं
.
दिनेश अपनी ज़िया पर न तुम ग़ुरूर करो
कि बिन अँधेरे तुम्हारा भी कुछ वुजूद नहीं
-----
.
मौलिक व अप्रकाशित
.
आब-रूद = river water ; मौज-ए-दूद = wave of love ; जुमूद = freeze ; सर-ए-सुजूद = head bowed in prayer ; आमाल = कर्म ; शुहूद = ग़वाह ; तवील = लम्बा ; फ़ेल-ए-सूद = profitable act ; नुमूद-ओ-बूद = that was in present and past

Views: 1160

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by दिनेश कुमार on August 10, 2015 at 5:59pm
हौसला अफ़्ज़ाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय गिरिराज सर।
Comment by दिनेश कुमार on August 10, 2015 at 5:59pm
हौसला अफ़्ज़ाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय मोहन सेठी साहब
Comment by दिनेश कुमार on August 10, 2015 at 5:58pm
हौसला अफ़्ज़ाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय हर्ष महाजन साहब
Comment by दिनेश कुमार on August 10, 2015 at 5:57pm
हौसला अफ़्ज़ाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय राम अवध सर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 4, 2015 at 1:34pm

आदरणीय दिनेश भाई बेहतरीन गज़ल हुई है , हरेक  शेर के लिये दिली बधाइयाँ ।

दिनेश अपनी ज़िया पर न तुम ग़ुरूर करो
कि बिन अँधेरे तुम्हारा भी कुछ वुजूद नहीं  -- लाजवाब !! हार्दिक बधाई आपको ।

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on August 4, 2015 at 8:28am

आदरणीय दिनेश कुमार जी ये आप की कोशिश अगर ऐसी है तो आगे मन्ज़र क्या होगा ...मैं तो देख हैरान हूँ कि ऐसा आगाज़ है ....आगे आगे देखिये होता है क्या ...वाह ...थोड़ा शब्दावली हमारे लिये कठिन ज़रुर रही मगर आपने उसमें भी मदद कर दी 

Comment by दिनेश कुमार on August 4, 2015 at 5:35am
हौसला अफ़्ज़ाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय मिथिलेश भाई।
हाँ, पहले बार शब्दों के अर्थ और दो-तीन शे'र copy paste करते वक़्त छूट गए थे। इस site में पोस्ट करते समय भी बहुत दिक्कत आ रही है। मेरे ज्यादातर comments पोस्ट नहीं हो रहे। सादर।
Comment by दिनेश कुमार on August 4, 2015 at 5:30am
आदरणीय रवि शुक्ला सर जी, हौसला अफ़्जाई के लिए तहे दिल से शुक्रिया। आभार।
क्योंकि हिन्दी मेरी मातृभाषा है, इसलिए ग़ज़ल में प्रयुक्त मुश्किल शब्दों के अर्थ मैंने online dictionary से लिए है। website आप सब जानते ही हैं -- rekhta.org
मौज-ए-दूद का अर्थ वहाँ wave of love ही दिया हुआ है। हाँ दूद का अर्थ शायद smoke ही दिया गया है। बस मैं इतना ही कह सकता हूँ आदरणीय। बाकी उर्दू के जानकार बतायें। सादर।
मेरे mobile का volume up down button खराब है सर, screenshot एक महीने से नहीं ले पा रहा। Laptop / pc मेरे पास नहीं है। सादर
Comment by Harash Mahajan on August 3, 2015 at 6:07pm

आदरणीय दिनेश कुमार  जी बहुत ही आला ग़ज़ल पेश की है आपने ....हर अहसास उम्दा !! दाद कबूल कीजियेगा !! साभार !!

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on August 3, 2015 at 5:19pm
बधाई कठिन काफिये का सरलता एव सलीके से निर्वाह के लिए

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी में (ग़ज़ल)

1222 1222 122-------------------------------जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी मेंवो फ़्यूचर खोजता है लॉटरी…See More
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सच-झूठ

दोहे सप्तक . . . . . सच-झूठअभिव्यक्ति सच की लगे, जैसे नंगा तार ।सफल वही जो झूठ का, करता है व्यापार…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

बालगीत : मिथिलेश वामनकर

बुआ का रिबनबुआ बांधे रिबन गुलाबीलगता वही अकल की चाबीरिबन बुआ ने बांधी कालीकरती बालों की रखवालीरिबन…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आदरणीय सुशील सरना जी, बहुत बढ़िया दोहावली। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर रिश्तों के प्रसून…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रस्तुति की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. यहाँ नियमित उत्सव…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, व्यंजनाएँ अक्सर काम कर जाती हैं. आपकी सराहना से प्रस्तुति सार्थक…"
Sunday
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सूक्ष्म व विशद समीक्षा से प्रयास सार्थक हुआ आदरणीय सौरभ सर जी। मेरी प्रस्तुति को आपने जो मान…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सम्मति, सहमति का हार्दिक आभार, आदरणीय मिथिलेश भाई... "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"अनुमोदन हेतु हार्दिक आभार सर।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति, स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत आभार।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ सर, आपकी टिप्पणियां हम अन्य अभ्यासियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होती रही है। इस…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार सर।"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service