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ये जो पुराना दरख्त है 

इससे बहुत पुराना संबंध है 

पंक्षी भी अब रात गुजारने  नहीं आते

आते हैं कुछ देर ठहर के चले जाते 

इसे अब पानी भी अब कोई नहीं देता

अब तो इसकी कोई छांव भी नहीं लेता

बड़ी रौनक थी आँगन मे इसकी 

बड़ी चमक थी चेहरे पे इसकी 

बूढ़ा दरख्त इसे याद करके काँप गया ... 

इक थरथर्राहट सी करी ....

और शांत हो गया 

ये जो पुराना दरख्त है ... 

इससे बहुत पुराना संबंध हैं .... ।

"मौलिक व अप्रकाशित"दी

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 30, 2013 at 10:47am

आँगन में खड़ा पुराना दरख्त कितनी यादों को जीता है....

इस हर दिल के करीब बसे भाव को प्रस्तुत करने के लिए बधाई आ० आमोद जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 25, 2013 at 1:59pm

गहन दृष्टि से रचना को पढ़ने और मेरे कहे के निहितार्थ को अनुमोदन करने के लिए सादर धन्यवाद, आदरणीय सुशीलजी.

Comment by Sushil.Joshi on October 25, 2013 at 5:09am

सुंदर प्रस्तुति है आ0 आमोद जी..... लेकिन रचना के भावों के साथ उसका प्रस्तुतिकरण भी महत्वपूर्ण है..... आपने आ0 सौरभ जी के कहे अनुसार उस शब्द को तो ठीक कर दिया किंतु उसमें अभी भी टंकण त्रुटि है..... तृतीय पंक्ति में 'पंक्षी' शब्द में अनुस्वार कहाँ से आ गया....... कृपया रचना पोस्ट करने से पहले इन सामने दिखने वाली त्रुटियों पर नज़र डालें तो अति उत्तम है.... बधाई इस कृति के लिए...

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on October 24, 2013 at 11:56pm

जो हालत दरख्त की वही हालत आज्कल बुजुर्ग की। बधाई अमोद भाई। 

ये जो पुराना दरख्त है //// ये जो बूढ़ा  दरख्त है 

Comment by अरुन 'अनन्त' on October 24, 2013 at 11:10pm

आदरणीय आमोद जी प्रयास अच्छा है किन्तु रचना आपसे समय की मांग करती दीख रही है. प्रयास हेतु बधाई स्वीकारें

Comment by Amod Kumar Srivastava on October 24, 2013 at 7:43pm

आदरणीया मीना पाठक जी आपने उत्साहवर्धन करा आपका आभार ... 

Comment by Amod Kumar Srivastava on October 24, 2013 at 7:42pm

आदरणीय सौरभ पांडे जी आपका धन्यवाद ... ये पुराना दरख़्त शब्द है  क्षमा चाहता हूँ... 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 24, 2013 at 6:09pm

आदरणीय आमोद भाई , बुजुर्गियत को इंगित आपकी रचना के लिये बधाई !!!!

Comment by Shyam Narain Verma on October 24, 2013 at 5:56pm
भावनाओं से ओतप्रोत रचना पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें.... 
Comment by Dr Ashutosh Mishra on October 24, 2013 at 5:04pm

सुन्दर रचना पर बधाई के साथ 

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