For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जल उठा मन का दिया 

प्रियतम! मिले हो जब से !

भोर हुयी है जीवन में

तमस रात थी कब से ! 

सांसो में तेरी ही खुशबु 

तुझको पाया जब से !

फूल खिले मन-उपवन में 

बीता पतझड़ जब से !

रक्त वाहिनी मद्धम मद्धम 

छुआ है तुमने जब से !

                     जितेन्द्र 'गीत

मौलिक/अप्रकाशित  

Views: 742

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by वेदिका on August 5, 2013 at 1:42pm

जल उठा मन का दिया 

प्रियतम! मिले हो जब से !

सुंदर शुरुआत के लिए शुभकामनायें लीजिये आदरणीय गीत जी!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 5, 2013 at 10:45am

आदरणीय डी. पी. माथुर जी,

रचना पर आपकी प्रतिक्रिया से लेखनकर्म सार्थक हुआ,

बहुत बहुत आभार आपका, आशीर्वाद व् स्नेह बनाये रखियेगा

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 5, 2013 at 10:38am

आदरणीय सौरभ जी,

रचना के प्रति आपका सकारात्मक भाव, लेखन कर्म को उर्जा प्रदान कर रहा है, 

पाठक से रचनाकर की उपलब्धि , केवल और केवल ओ बी ओ के सानिध्य का ही श्रेय है,

बहुत बहुत आभार आपका, आशीर्वाद व् मार्गदर्शन बनाये रखियेगा

Comment by D P Mathur on August 4, 2013 at 7:58pm

मन की गहराईयों से निकले गीत ने सच में मन मोह लिया , आपको बधाई


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 2, 2013 at 3:13pm

आपके अंतर से कविता फूट पड़ी यह इस मंच की भी उपलब्धि है, भाईजी.

आपके प्रयास के प्रति सकारात्मक भाव है.  हार्दिक शुभकामनाएँ

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 31, 2013 at 10:10am

आदरणीय आशीष जी,

आपने रचना को पसंद किया, लेखनी को सार्थकता मिली

तहे दिल से शुक्रिया आपका,

सादर

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on July 30, 2013 at 10:49pm

फूल खिले मन-उपवन में 

बीता पतझड़ जब से !.....  भई क्या कहने वाह वाह !!
अच्छी रचना पर बधाइयाँ भाई जितेन्द्र 'गीत' जी....

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 30, 2013 at 10:41pm

आदरणीय बृजेश जी,

आपकी उत्साह बर्धक प्रतिक्रिया से, मेरा लेखन के प्रति उत्साह दो गुना हो गया

सादर!!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 30, 2013 at 10:34pm

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया महिमा जी,

आप सभी प्रबुद्ध रचनाकारों का सानिद्ध्य, मेरा सौभाग्य है

लेखन कर्म पर आपने दृष्टि डाली, रचना सार्थक हुयी..

सादर!!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 30, 2013 at 7:18pm

रचना को सराहने, उत्साह बर्धन हेतु आपका तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय चन्द्रशेखर जी,

सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी में (ग़ज़ल)

1222 1222 122-------------------------------जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी मेंवो फ़्यूचर खोजता है लॉटरी…See More
12 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सच-झूठ

दोहे सप्तक . . . . . सच-झूठअभिव्यक्ति सच की लगे, जैसे नंगा तार ।सफल वही जो झूठ का, करता है व्यापार…See More
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

बालगीत : मिथिलेश वामनकर

बुआ का रिबनबुआ बांधे रिबन गुलाबीलगता वही अकल की चाबीरिबन बुआ ने बांधी कालीकरती बालों की रखवालीरिबन…See More
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आदरणीय सुशील सरना जी, बहुत बढ़िया दोहावली। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर रिश्तों के प्रसून…"
12 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रस्तुति की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. यहाँ नियमित उत्सव…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, व्यंजनाएँ अक्सर काम कर जाती हैं. आपकी सराहना से प्रस्तुति सार्थक…"
yesterday
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सूक्ष्म व विशद समीक्षा से प्रयास सार्थक हुआ आदरणीय सौरभ सर जी। मेरी प्रस्तुति को आपने जो मान…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सम्मति, सहमति का हार्दिक आभार, आदरणीय मिथिलेश भाई... "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"अनुमोदन हेतु हार्दिक आभार सर।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति, स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत आभार।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ सर, आपकी टिप्पणियां हम अन्य अभ्यासियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होती रही है। इस…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार सर।"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service