पढ़ लिख कर आगे बढ़ें, बनें नेक इन्सान ।
अच्छी शिक्षा जो मिले, बच्चें भरें उड़ान ।।
बच्चे कोमल फूल से, बच्चे हैं मासूम ।
सुमन की भांति खिल उठें, बनो धूप लो चूम ।।
देखो बच्चों प्रेम ही, जीवन का आधार ।
सज्जन को सज्जन करे, सज्जन का व्यवहार ।।
मजबूती जो नीव में, सदियों चले मकान ।
शिक्षा मात्र उपाय जो, करती दूर थकान ।।
आते देखे भोर को, भागा तामस जाय ।
सुख उसके ही साथ हो, दुख में जो मुस्काय ।।
सच्चाई की राह में, काँटे हैं भरपूर ।
अच्छी बातें सीख लो, करो बुराई दूर ।।
Comment
वाह वाह वाह .. ! भाई आपने तो मोह लिया !
आपकी छंद रचना (दोहा) कमाल-कमाल-कमाल ! हर दोहे पर दिल से बधाई.
तमस भव का तामसिक रूप होता है, भाई.
शुभ-शुभ
अनुज राम शिरोमणि त्रिपाठी जी हार्दिक आभार स्नेह यूँ ही बनाये रखें.
आदरणीया प्राची दीदी सत्य है जब जब आपकी सराहना मिलती है ह्रदय से प्रफुल्लित हो उठता हूँ. लेखनी को अत्यंत बल और सकारात्मक उर्जा मिल जाती है. दीदी सही कहा आपने तृतीय चरण प्रवाह बाधित मुझे भी लग रहा है. दीदी तामस शब्द मुझे लगा ठीक है अन्यथा मैं उपयोग नहीं करता. आशीष एवं स्नेह यूँ ही बनाये रखें.
आदरणीय लक्ष्मण सर सादर नमस्कार, आपको दोहे पसंद आये लेखन कार्य सफल हुआ हार्दिक आभार. स्नेह यूँ ही बनाये रखें.
आदरणीय प्रिय मित्रवर संदीप भाई आपकी सराहना पाकर ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा. यह स्नेह यूँ ही बनाये रखें मित्र.
आदरणीया गीतिका जी सादर आपकी शुभकामना मिली अत्यंत हर्ष हो रहा है हार्दिक आभार.
बड़े सुन्दर दोहे रचे है अपने बड़े भाई बहुत ही सुन्दर ....... हार्दिक बधाई
प्रिय अरुण जी बच्चों के लिए बहुत सुन्दर शिक्षा प्रद दोहे लिखे हैं आपने , बहुत बहुत बधाई आपको
पढ़ लिख कर आगे बढ़ें, बनें नेक इन्सान ।
अच्छी शिक्षा जो मिले, बच्चें भरें उड़ान ।।...........बिल्कुल सही बात कही है
बच्चे कोमल फूल से, बच्चे हैं मासूम ।
सुमन की भांति खिल उठें, बनो धूप लो चूम ।। बहुत सुन्दर सुकोमल भाव इस दोहे के
तृतीय चरण में प्रवाह बाधित लग रहा है .......................इसे इस तरह देखें "सुमन भाँति ये खिल उठें"
क्या तमस को तामस लिखना सही होगा ? इस पर भी आश्वस्त हो लें ..
सस्नेह.
सुन्दर दोहे, हार्दिक बधाई अरुण शर्मा "अनंत" जी
नव संवत्सर,२०७०, गुडी पडवा, एवं चेटी-चंड के शुभ मंगल कामनाए
नव जोश भर तन मन में, नव चेतन संचार,
नव वर्ष नया काज हो, उन्नति करे अपार | - लक्ष्मण लडीवाला
आदरणीय बंधुवर अरुण भाई सादर
बहुत ही उत्कृष्ट दोहे रचे हैं अच्छी सिक्षा दी है आपने इन दोहों के माध्यम से
सादर बधाई स्वीकरें
आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ बंधु
सादर
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