For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आज अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं ...

मैं महिलाओं और बच्चियों को शुभकामना देती हूँ कि जरूर समाज में जल्दी ही एक साकारात्मक परिवर्तन आएगा, जब पुरुष महिला दो अलग इकाई नहीं बल्कि इस देश के और समाज के बराबर नागरिक होंगे, और घर में भी लड़की लड़के को बराबर दर्जा मिलेगा |

और उनके लिए शुभकामना सन्देश ---

 

वो खिले रहें फूलों की तरह

वो बहा करें खुशबू की तरह

जो चार जुबां होंठों पर चढ़े

छन छन की तरह घुंघुरू से बजें|

 

वो देखे जिधर हरियाली खिले

वो रक्खे कदम खुशहाली बढे

रस सुख का निचोड़ गमक्षार करें

खुशियों में इजाफा हज़ाअर करें |

 

वो नारी ही नहीं वो राम बने

जो बुत बनी हैं उन्हें तार करें|

कोई चीर हरण अब हो न सके

वो खुद के भीतर इक कृष्ण जनें|

 

वो निर्णय का अभिप्राय बनें

और मील का पत्थर उनसे बनें|

वो स्वअभिमान के साथ जियें

आजाद गगन में परवाज भरें |

 

घर की खुशियों का वो सार बनें

और देश जहाँ का सरताज बनें

फिर न सिसकियों की आवाज घुटे

स्त्री पुरुष अब इक साथ चलें |

................. नूतन 

Views: 444

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ नूतन डिमरी गैरोला on March 10, 2013 at 8:11pm
आदरणीय मंजरी जी, राम जी सादर धन्यवाद, आदरणीय सौरभ जी सादर धन्यवाद ,
Comment by ram shiromani pathak on March 9, 2013 at 7:49pm

कोई चीर हरण अब हो न सके

वो खुद के भीतर इक कृष्ण जनें|.. . .

बहुत-बहुत बधाई. .आदरणीया


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 9, 2013 at 1:36am

भावमय उक्तियों से सबल भविष्य के प्रति आश्वस्ति के प्रति आग्रही आपकी यह रचना, नूतनजी, सकारात्मक माहौल को तारी करती है.

इन पंक्तियों ने पूरी रचना सार प्रस्तुत किया है -

कोई चीर हरण अब हो न सके

वो खुद के भीतर इक कृष्ण जनें|.. . .

बहुत-बहुत बधाई. .

शुभेच्छाएँ

 

Comment by mrs manjari pandey on March 8, 2013 at 10:08pm

  काश जल्दी  ऐसा हो जाए धन्यवाद   आपको भी आदरणीया एवं शुभकामनायें आज के  दिवस  की

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"जी सहृदय शुक्रिया आदरणीय इस मंच के और अहम नियम से अवगत कराने के लिए"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आपका सुधार श्लाघनीय है। सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय इस मंच पर न कोई उस्ताद है न कोई शागिर्द। यहां सभी समवेत भाव से सीख रहे हैं। यहां गुरु चेला…"
2 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई आदरणीय रिचा जी बधाई स्वीकार करें"
4 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service