For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अमीरी

बचपन की अमीरी जाने कहाँ खो गयी 
सपनो की दुनिया मेरी आँखे मूँद सो गयी …
चार आने जेब में रखकर 
दुनिया लेने जाते थे 
चार आने में चार गोलियां 
संतरे वाली लाते थे 
चार चवन्नी रख गुल्लक में 
उसको रोज़ बजाते थे 
चार रुपये हो जाए तो एक 
नयी गुल्लक ले आते थे 
चार आने की खनक चार कंधो पे सो गयी 
बचपन की अमीरी जाने कहाँ खो गयी …

छोटे छोटे कंधो पर 
दुनिया भर का बोझ था 
चार किलो का बस्ता लेकर
स्कूल को जाना रोज़ था 
बस्ते से पेंसिल रबर का 
अक्सर ही गुम जाना था 
पुराने बस्ते में नयी किताबें 
नए ढंग से सजाना था 
बज गयी घंटी छुट्टी स्कूल की हो गयी 
बचपन की अमीरी जाने कहाँ खो गयी …

बड़े बनने के बड़े तरीके 
बिस्तर पर ही आते थे 
खुली आँखों से देख कर सपने 
झट से हम सो जाते थे 
पापा के जूते पहन पाँव में 
पैदल ही चल जाते थे 
छोटे चहरे पर बड़ी सी मूंछे 
काजल से हम बनाते थे 
काजल की वो काली मूंछे अब सफ़ेद सी हो गयी 
बचपन की अमीरी जाने कहाँ खो गयी ….


रणवीर प्रताप सिंह 

Views: 408

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ranveer Pratap Singh on August 10, 2012 at 12:55pm

@ Rekha Joshi dhanywaad rekha ji

 

Comment by Rekha Joshi on August 9, 2012 at 10:48pm


बड़े बनने के बड़े तरीके 
बिस्तर पर ही आते थे 
खुली आँखों से देख कर सपने 
झट से हम सो जाते थे 
पापा के जूते पहन पाँव में 
पैदल ही चल जाते थे 
छोटे चहरे पर बड़ी सी मूंछे 
काजल से हम बनाते थे 
काजल की वो काली मूंछे अब सफ़ेद सी हो गयी 
बचपन की अमीरी जाने कहाँ खो गयी ….

अति सुंदर रचना रणवीर जी ,बचपन के दिन भी क्या दिन थे ,हार्दिक बधाई 

Comment by Ranveer Pratap Singh on August 9, 2012 at 1:38pm

@sonamsaini dhanywaad sonam ji... 

Comment by Sonam Saini on August 9, 2012 at 9:40am

आपने तो बचपन की याद दिला दी रणवीर प्रताप सिंह जी,
इतनी सुंदर रचना , सच में बचपन में हम  कितने  अमीर  थे 
बहुत बहुत बधाई आपको..........

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रस्तुति की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. यहाँ नियमित उत्सव…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, व्यंजनाएँ अक्सर काम कर जाती हैं. आपकी सराहना से प्रस्तुति सार्थक…"
1 hour ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सूक्ष्म व विशद समीक्षा से प्रयास सार्थक हुआ आदरणीय सौरभ सर जी। मेरी प्रस्तुति को आपने जो मान…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सम्मति, सहमति का हार्दिक आभार, आदरणीय मिथिलेश भाई... "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"अनुमोदन हेतु हार्दिक आभार सर।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति, स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत आभार।"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ सर, आपकी टिप्पणियां हम अन्य अभ्यासियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होती रही है। इस…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार सर।"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। सादर"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मिथिलेश भाई, ओबीओ की परम्परा का क्या ही सुन्दर उदाहरण प्रस्तुत किया है आपने ! जय…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा है। सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मेरे कहे को मान देने और अनुमोदन हेतु आभार। सादर"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service