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हमारे प्यारे रहनुमा - बाबा जी

 गांधी टोपी  पहन  के भागे कुरता पैजामा सिलवाने  बाबा जी 

कितना प्यारा देश का  मौसम जनता को उल्लू बनाने  बाबा जी 

कर जोर  मांगते  भीख वोटन  की  पाकर जीत तन  जाते  बाबा जी 

चोर चोर मौसेरे भाई  बैठ  संग देश की लाज लुटाते   बाबा  जी 

मुन्नी संग कमर मटकाते जेल में राखी बंधवाते बाबा जी 

सर्वस्व न्योछावर करके बाला फिल्मों में इठलाती बाबा जी 

घर में तपन बाहर भी तपन शीतलता कहाँ पायें बाबा जी 

भूख गरीबी अत्याचार आंखन देख न पावें बाबा जी 

सूख गए तरु ताल  सरोवर कुँए काहे  खुदवाएं बाबा जी 

हरियाली चरने की आये बेला अकेले बैठ खाएं बाबा जी 

होल  गेट  में  मंजन  करते  अब  बत्तीसी  लगवाए बाबा जी 

खून पी चुके  हड्डी चूस चुके  बचा क्या  जो खाएं  बाबा जी 

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Comment

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Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 22, 2012 at 4:26pm

धन्यवाद, आदरणीय योगेश जी, सादर 

Comment by yogesh shivhare on June 17, 2012 at 4:15pm

बहुत ही सुन्दर ...आदरणीय प्रदीप जी ...सत्य को उतर दिया सब्दों में बधाई 

कृपया ध्यान दे...

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