For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्या होगा मेरे मरने के बाद

क्या होगा मेरे मरने के बाद?

मेरी लाश को उठाएंगे

नाक को दबाते हुए

शरिर को छूएँगे मगर

खुदको बचाते हुए

 

बच्चे कुछ दिन रोएँगे, गाएँगे

मेरी यादों मे डूब जाएंगे

बीबी की चूड़ियाँ तोडी जाएगी

सिंदूर मिटाया जाएगा

सफ़ेद सारी पहनाई जाएगी

कुछ लोग जो मुझे नहीं जानते

वो भी मेरी वाहवाही गाएँगे

सभी मुझे अच्छा इंसान बताएँगे

मेरे नाम का गुणगान करेंगे

सभी मेरा अब सम्मान करेंगे

मुझे नहलाकर, घी लगाकर

कफन मे लपेटा जाएगा

फिर बड़े प्यार से मुझे

पलंग मे समेटा जाएगा

फिर एक आवाज़ के साथ

मेरा शव उठाया जाएगा

राम नाम के साथ

मेरा आखिरी सफर शुरू होगा

जिन रास्तों से मैं रोज़ गुजरता था

आज वहीं  से मेरा शव गुजरेगा

अब मगर लौटके कभी आना न होगा

 

शमशान लेकर जाएंगे

लकड़ियाँ सजाएँगे

डोम को बुलाकर फिर

मुखाग्नि करवाएँगे

तब कहीं जाकर मुझसे

यह शरिर छूटेगा

हांर-मांस का ये शरिर

मिट्टी में जा मिलेगा

मगर ये अंत नहीं होगा

खेल यू ही खत्म नहीं होगा

आंखे बंद होगी मेरी

मगर चलचित्र बंद नहीं होगा

 

यमराज से मिलुंगा

चित्रगुप्त से कहूँगा

अपनी जीवन यात्रा का मैं

फिर एक जायजा लूँगा

कितना सही था मैं

और कितना गलत रहा

मेरे खातिर अब तक

किसने कितना गम सहा

 

किसका क्या बिगाड़ा मैंने

किसका क्या भला किया

किसकी भावना को समझा

और किसको दगा दिया

किसको देना रह गया

किससे पाना रह गया

मेरे कारण इस जहां मे

किसका मकान ढह गया

"मौलिक व अप्रकशित" 

अमन सिन्हा 

Views: 448

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by AMAN SINHA on March 25, 2022 at 10:34am

@SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR 

आदरणिय सुरेन्द्र जी, 

सराहना के लिये विनम्र आभार स्वीकार करें।  

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on March 24, 2022 at 12:13pm

जीवन यात्रा की अच्छी झलकी दिखी, सुंदर संदेश , अच्छा प्रयास है, जय श्री राधे।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 22, 2022 at 2:05pm

आदरणीय अमन सिन्हा जी, निस्संदेह आप इस मंच पर अभी नए हैं. आपको इस पटल की कई परिपाटियों से जानकार होना बाकी है. 

ओबीओ का मंच सोशल-साइट का आम मंच नहीं है. यह सीखने-सिखाने का निराला मंच है. उचित है, आप इस तथ्य के प्रति संवेदनशील हों. 

आप अपनी अभिव्यक्तियों से पटल के सदस्यों को जानकार करना चाहते हैं. यह सहज सोच और प्रक्रिया है.

किन्तु, आप यह भी जानें कि यह मंच आपको एक पाठक के तौर पर भी देखता है. यह अत्यंत महत्त्वपूर्ण तथ्य है कि आपका पाठक ही आपकी अभिव्यक्तियों का तार्किक आलोचक होने वाला है.

बशर्ते, आप पटल पर प्रस्तुत हुई अन्यान्य रचनाओं पर प्रतिक्रिया देना प्रारम्भ करें. 

सर्वोपरि आप यह भी समझें, कि इस मंच पर सदस्य अपने से वरिष्ठ या समकक्ष सदस्यों को आवश्यकतानुसार आदरणीय/ आदरणीया या फिर जनाब जैसे गरिमापूर्ण सम्बोधनों से सूचित करता है. अनुजों से भाई का सम्बोधन स्वीकार्य है. विश्वास है, आप भी इस परिपाटी का अनुसरण करने लगेंगे. 

शुभातिशुभ

Comment by AMAN SINHA on March 21, 2022 at 8:13pm
@सौरभ पांडे
सर्व प्रथम मैं अपने बचपने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ।
शायद मैं अपनी आलोचना सहन नहीं कर सका और अपने से बड़े एवं अनुभवी पाठक की सलाह को बिल्कुल गलत समझ बैठा।
मैं सतत प्रयास करूँगा की मैं अपने लेखन मे सुधार कर सकूँ।
एक बार फ़िर से अपनी उद्दंडता के लिए क्षमा चाहता हूँ।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 21, 2022 at 6:31pm

अभिव्यक्तियों की श्रेणी से आप क्या समझते हैं, आदरणीय अमन सिन्हा जी ? 

इस पटल पर आपकी हालिया प्रकाशित हुईं कई रचनाएँ देख जाने का सौभाग्य मिला है. आपकी रचनाप्रक्रिया को जो कुछ समझ पा रहा हूँ, उसी तथ्य के हवाले से आपकी रचना पर मैंने अपनी बातें कही हैं. 

लिजलिजी भावुकता से परे तथ्यपरक रचनाओं पर अभ्यास करें तो रचनाप्रक्रिया में उत्तरोत्तर सुधार भी हो. 

सतत अभ्यास करें. 

शुभातिशुभ

Comment by AMAN SINHA on March 21, 2022 at 11:00am

@Saurabh Pandey क्या आप इसे अभिव्यक्ति की श्रेणी मे नहीं रखते??


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 18, 2022 at 10:46pm

ऐसे अभिव्यक्तियों या अभ्यासों पर प्रतिक्रिया देना साहित्य-पटल की गरिमा के अनुकूल प्रतीत नहीं होता. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on नाथ सोनांचली's blog post कविता (गीत) : नाथ सोनांचली
"आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन। अच्छा गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
Sunday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"धन्यवाद सर, आप आते हैं तो उत्साह दोगुना हो जाता है।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और सुझाव के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह पा गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ । आपके अनुमोदन…"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुइ है। हार्दिक बधाई।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"शुक्रिया ऋचा जी। बेशक़ अमित जी की सलाह उपयोगी होती है।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"बहुत शुक्रिया अमित भाई। वाक़ई बहुत मेहनत और वक़्त लगाते हो आप हर ग़ज़ल पर। आप का प्रयास और निश्चय…"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"बहुत शुक्रिया लक्ष्मण भाई।"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आदरणीय अजय जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये अमित जिनकी टिप्पणी से सीखने को मिला…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service