For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

विनय कुमार's Blog – July 2016 Archive (4)

नफरत का रिश्ता--

नफरत का रिश्ता--

पूरा गाँव पार कर गए पंडित लेकिन दुक्खू नहीं दिखा| जल्दी जल्दी कदम बढ़ाते वो गाँव से बाहर निकल गए, बहुत जरुरी काम से जा रहे थे और ऐसे में दुक्खू न दिखे, यही मना रहे थे| पंडित को लगा कि लगता है गाँव के बाहर चला गया है आज, राहत की सांस ली उन्होंने| पंडित पूरे नियम कानून वाले थे, बिना नहाए धोए अन्न ग्रहण नहीं करते थे और सारी गणना करके ही घर से निकलते थे| कब किस दिशा में जाना है, कब नहीं, सब देख समझ ही किसी यात्रा की तैयारी करते थे| ख़ुदा न खास्ता अगर किसी ने छींक दिया या…

Continue

Added by विनय कुमार on July 25, 2016 at 12:49am — 9 Comments

अमन की राह--

थक गए थे जलील चचा, कोई भी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं था| सबको बस एक ही बात समझ आ रही थी कि बड़ी बड़ी बंदूकें उठाओ और हर उस शख्श को रास्ते से हटा दो जो उनकी बात नहीं माने| पता नहीं ये उन भड़काऊ तकरीरों का असर था या उनके द्वारा दिखाए गए प्रलोभन का असर| आज उनको बेहद अफ़सोस हो रहा था, अपने ऊपर और पत्नी के ऊपर भी जो उनको अकेला छोड़कर जन्नत सिधार गयी थी| काश उनको एक औलाद दे गयी होती तो कम से कम उसे तो सही रास्ते पर चला पाते|

आज शाम की मीटिंग में फिर से सबने उनके शांति और सौहार्द के प्रस्ताव को…

Continue

Added by विनय कुमार on July 17, 2016 at 3:23pm — 8 Comments

बंटवारा--

जैसे ही वो भिखारी उनके दरवाज़े पर पहुंचा और आवाज़ लगायी "भगवान के नाम पर कुछ दे दो बाबा", पंडितजी ने डपट कर कहा "यहाँ क्यों आये माँगने, वहीँ से ले लिया करो"|

भिखारी ऐसी झिड़कियों का आदी था, कुछ देर सोच में पड़ा रहा फिर बोल "हम तो मांग के खाने वाले हैं, जहाँ मिल जाए, ले लेते हैं"|

"फिर भी, सोचते नहीं हो कि कहाँ माँगना है और कहाँ नहीं", कहते हुए पंडितजी की नज़र किनारे वाले घर की ओर चली गयी|

भिखारी ने भी गर्दन उस तरफ किया, किनारे वाला घर अहमद भाई का था जिनके यहाँ से उसने अभी कुछ खाने…

Continue

Added by विनय कुमार on July 5, 2016 at 10:30pm — 8 Comments

प्रतिभा का सम्मान--

"सर, ये लिस्ट एक बार देख लीजिए| कमेटी ने तो पास कर दिया है, बस आपका अप्रूवल चाहिए", मुख्य अधिकारी ने तीन पन्ने की लिस्ट उनके सामने रख दी|

"हूँ, अच्छा मैंने जो नाम कहे थे, वो सब तो हैं ना इसमें", एक गहरी नज़र मुख्य अधिकारी के चेहरे पर डाली उन्होंने|

"हाँ सर, वो सब तो हैं ही, आप एक बार देख लीजिए", मुख्य अधिकारी ने हकलाते हुए कहा|

"ठीक है, लिस्ट छोड़ जाओ, मैं देख लूंगा", अभी भी उन्होंने लिस्ट की तरफ नज़र भी डालने की जहमत नहीं उठाई थी|

"ओ के सर" बोलकर मुख्य अधिकारी जाने के लिए…

Continue

Added by विनय कुमार on July 3, 2016 at 4:53am — 4 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Chetan Prakash जी आदाब। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। बेवफ़ाई ये मसअला…"
4 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय अमित…"
11 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"2122 - 1212 - 22/112 देखता हूँ कि अब नया क्या है  सोचता हूँ कि मुद्द्'आ क्या…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है, मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाइये।…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदाब, मुसाफ़िर साहब, अच्छी ग़ज़ल हुई खूँ सने हाथ सोच त्यों बर्बर सभ्य मानव में फिर नया क्या है।३।…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय 'अमित' जी आदाब, उम्दा ग़ज़ल के साथ मुशायरा का आग़ाज़ करने के लिए दाद के साथ…"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी, ध्यान दिलाने का बहुत शुक्रिया। ग़ज़ल दोबारा पोस्ट कर दी है। "
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"नमन, रिया जी , खूबसूरत ग़ज़ल कही, आपने बधाई ! मतला भी खूसूरत हुआ । "मूसलाधार आज बारिश है…"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आसमाँ को तू देखता क्या हैअपने हाथों में देख क्या क्या है /1 देख कर पत्थरों को हाथों मेंझूठ बोले वो…"
2 hours ago
Prem Chand Gupta replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"इश्क में दर्द के सिवा क्या है।रास्ता और दूसरा क्या है। मौन है बीच में हम दोनों के।इससे बढ़ कर कोई…"
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Sanjay Shukla जी आदाब  ओ.बी.ओ के नियम अनुसार तरही मिसरे को मिलाकर  कम से कम 5 और…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"नमस्कार, आ. आदरणीय भाई अमित जी, मुशायरे का आगाज़, आपने बहुत खूबसूरत ग़ज़ल से किया, तहे दिल से इसके…"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service