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गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ''s Blog – August 2019 Archive (4)

सीखे सबक़ हयात से भूला नहीं कोई (५९ )



सीखे सबक़ हयात से भूला नहीं कोई

जीती हैं बाज़ियाँ सभी हारा नहीं कोई

**

कैसे भटक सके है भला शाख शाख पर

दिल आपका हुज़ूर परिंदा नहीं कोई

**

फ़रज़न्द की वजह से परेशान कोई है

कुछ हैं हताश इसलिए बच्चा नहीं कोई

**

इक बार हो गया है तो आसाँ न छोड़ना

ये इश्क़ दोस्त खेल तमाशा नहीं कोई

**

दरिया में जब उतर गया तो सीख तैरना

इसके सिवाय और है रस्ता नहीं कोई

**

दुनिया में हुस्न देखिये बिखरा पड़ा बहुत

फिर भी सिवाय आपके जँचता नहीं कोई…

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Added by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on August 29, 2019 at 1:30am — 4 Comments

रस्सा-कशी खेल था जीवन(५८ )

एक विरह गीत

===========

रस्सा-कशी खेल था जीवन

एक तरफ का रस्सा छोड़ा |

इतनी भी क्या जल्दी थी जो

मीत अचानक नाता तोड़ा |

**

जीवन नदिया अपनी धुन में

अठखेली करती बहती थी |

और खुशी भी इस आँगन में

अपनी मर्जी से रहती थी |

सब कुछ अपने काबू में था

कैसे रहना क्या करना है,

हाँ थोड़े से दुख के झटके

कभी ज़िंदगी भी सहती थी |

लेकिन तुम थे साथ हमेशा

हँस हँस कर सह ली हर…

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Added by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on August 25, 2019 at 1:30pm — 6 Comments

क्यों चिंता की लहरें मुख पर आखिर क्या है बात प्रिये ? (५७)

एक गीत प्रीत का 

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क्यों चिंता की लहरें मुख पर आखिर क्या है बात प्रिये ? 

पलकों के कोरों पर ठहरी क्यों कर है बरसात प्रिये ?

**

शुष्क अधर क्यों बाल बिखर कर अलसाये हैं शानों पर ?

काजल क्रोधित होकर पिघला जा पहुँचा है कानों पर | 

मीत कपोलों पर जो रहती वह गायब है अरुणाई | 

ऐसा लगता है ज्यों खो दी चंद पलों में तरुणाई…

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Added by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on August 20, 2019 at 9:00am — 4 Comments

किसी के प्यार की ख़ातिर हमारा दिल तरसे (५६ )

किसी के प्यार की ख़ातिर हमारा दिल तरसे

घटा-ए-इश्क़ तो छाई न जाने कब बरसे

**

न तीर दिल पे चला यार ज़ख़्म गर देना

कि इस पे ज़ख़्म हुआ करते जब गुल-ए-तर से

**

क़दम बढ़ाना भी मुश्किल है जानिब-ए-मंज़िल

मिला फ़रेब हमें इस क़दर है रहबर से

**

करेगा चूर अगर ज़ुल्म की हदें टूटें

उमीद और है क्या आईने को पत्थर से

**

ख़ुदाया देख ज़रा भी किसी को, दर्द नहीं

किसी के दर्द बड़े हो गए समंदर से

**

लकीरें हाथों की जिसने बनाई मेहनत से

उसे…

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Added by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on August 18, 2019 at 1:00am — 2 Comments

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Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
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Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी बेहतर इस्लाह ऑयर हौसला अफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया आपका सुधार करती हूँ सादर"
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DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
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