For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

PHOOL SINGH's Blog – December 2012 Archive (3)

क्या होगा इस देश का भविष्य

हमने सुना है कि शिक्षक कि नजर में सभी बच्चे एक सामान होते है लेकिन इस कहानी को पढने के बाद शायद ये बात गलत ही साबित होती नजर आती है l

यह कहानी एक छोटे से गॉव कि है जहाँ एक विधालय में सभी जाति के बच्चे पढ़ते थे और हर एक कक्षा में लगभग ६०-८० बच्चे हुआ करते थे l उसमे रामू और उसके कुछ दोस्त जो निम्न जाति के थे, पढ़ते थे l इसी स्कुल में एक अध्यापक बाबु जो उच्च जाति से सम्बन्ध रखता था सदा निम्न जाति के बच्चो को हीन दृष्टि से देखता था और व्यव्हार से कंजूस व् लालची था l वह स्कूल में कम पढाई…

Continue

Added by PHOOL SINGH on December 11, 2012 at 11:20am — 5 Comments

अपने दुःख से नहीं दुसरे के सुखसे दुखी

 

कर्ण और राम दो मित्र थे l राम एक व्यापारी बन गया लेकिन कर्ण अभी भी बेरोजगार था जिसकी वजह से उसकी घर की हालत ठीक नहीं थी l समय समय पर राम भी अपने मित्र की मदद कर देता था कुछ समय तक ऐसे ही चलता रहा l और एक दिन कर्ण को एक अच्छी नौकरी मिल गई जिस कारण घर में किसी वस्तु की कमी नही रह गई थी और धीरे धीरे धन की समस्या भी समाप्त होने लगी थी l इस कारण अब वह अपनी जिंदगी सही से और शांति की जिन्दगी जी रहा था l  व्यापार मैं व्यस्त होने की वजह से राम और कर्ण एक दुसरे से मिल नहीं पाए…

Continue

Added by PHOOL SINGH on December 5, 2012 at 5:01pm — 7 Comments

गीता के १८ अध्याय

 

चारो ओर, खड़े है सैनिक

युद्ध में जीत दिलाने को

शोक करुणा से, अभिभूत है अर्जुन

देख, रक्त सम्बन्धी रिश्तेदारों को

खड़े हुए है अब कृष्णा

उसे शोक से मुक्त कराने को

देहान्तरं  की प्रक्रिया कैसी

संक्षेप में ये समझाने को

अजर अमर है जीवात्मा

स्मरण रखना इस ज्ञान को

खड़ा हो जा धनुष उठा

अपना धर्म निभाने को

मरे हुओ को मार डालना

जग में नाम कराने को

अपने पराये से मुहँ मोड़ लो

पाप पुण्य की चिंता…

Continue

Added by PHOOL SINGH on December 3, 2012 at 5:42pm — 3 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी, बहुत धन्यवाद। आप का सुझाव अच्छा है। "
20 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से मश्कूर हूँ।"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a discussion
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय  दिनेश जी,  बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर बागपतवी जी,  उम्दा ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी,  बेहतरीन ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। मैं हूं बोतल…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय  जी, बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। गुणिजनों की इस्लाह तो…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन प्रकाश  जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया रिचा जी,  अच्छी ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  बहुत ही बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए।…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी, बहुत शानदार ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
7 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा जी, बहुत धन्यवाद। "
9 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service