दोस्त कोई न मेह्रबाँ कोई
काश मिल जाए राज़दाँ कोई /१
दिल की हालत कुछ आज ऐसी है
जैसे लूट जाए कारवाँ कोई /२
एक ही बार इश्क़ होता है
रोज होता नहीं जवाँ कोई /३
तुम को वो सल्तनत मुबारक हो
जिसकी धरती न आसमाँ कोई /४
सारथी कह सके जिसे अपना
सारथी के सिवा कहाँ कोई /५
...........................................
सर्वथा मौलिक व अप्रकाशित
अरकान: २१२२ १२१२ २२
Added by Saarthi Baidyanath on December 14, 2015 at 3:14pm — 9 Comments
तलाशी ले रहीं आँखें हमारी
न आँखें रोक दें साँसें हमारी /१
गुजर तो जाता है दिन जैसे तैसे
मगर कटती नहीं रातें हमारी /२
न जाने लग रहा है बारहा क्यूँ
उन्हें मालूम हैं बातें हमारी /३
जो कहना है सो कह दो कौन जाने
दुबारा हों मुलाकातें हमारी /४
अगर तुम जा रहे हो याद रखना
कि पल पल तरसेंगी बाँहें हमारी /५
...........................................
सर्वथा मौलिक व अप्रकाशित
अरकान: १२२२ १२२२ १२२
Added by Saarthi Baidyanath on December 14, 2015 at 3:00pm — 5 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |