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Manoj kumar yadav's Blog – November 2017 Archive (1)

नफरतों को छुपाना नहीं सीखे

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नफरतों को छुपाना नहीं सीखे।

दिल किसी का दुखाना नहीं सीखे।

चेहरे पे शिकन आज भी है पर।

दर्द किसी को बताना नहीं सीखे।

जख्म छुपाते रहे हम जमाने से ।

आंख से अश्क गिराना नहीं सीखे।

चोट इश्क में कई बार खाई पर।

प्यार में हम गिराना नहीं सीखे।

बेवफा  तुम  भले ही  बदल जाओ।
इश्क में यूँ बदलना हम नहीं सीखे।

मौलिक और अप्रकाशित

मनोज यादव

Added by manoj kumar yadav on November 6, 2017 at 11:00am — 3 Comments

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