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Rash Bihari Ravi's Blog – October 2010 Archive (7)

था उसके चेहरे पे सकून ,

था उसके चेहरे पे सकून ,

माँ का आया था फोन ,

पाँच सौ रुपया मिल गया ,

तीन सौ राशन वाले को दिया ,

बाकी में छोटे भाई का पैंट ,

संग में सिलवा दिया हैं शर्ट ,

आज स्कूल भेजा हैं उसको ,

खरीद कर दिया हैं स्लेट ,

भाई स्कूल गया ये जान कर ,

था उसके चेहरे पे सकून !



उम्र के दसवे साल में ,

काम करता चाय की दुकान में .

घर से दूर बहुत दूर ,

हो कर आया था मजबूर ,

सपना था कुछ आँखों में ,

बडपन थी उसकी बातो में ,

पापा के इंतकाल के… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on October 27, 2010 at 2:00pm — No Comments

गुण (प्रेरक प्रसंग)

एक गावं में दो ब्राह्मण भाई रहते थे ! छोटे भाई के चार बेटे थे जोकि एक से बढ़कर एक नालायक और महामूर्ख थे ! जबकि बड़े भाई का एक ही बेटा था जो सर्वगुण संपन्न और प्रसिद्ध कथा वाचक भी था l एक बार वह कथा वाचक कहीं कथा संपन्न करके आया जहाँ से उसे बहुत सारा धन और उपहार प्राप्त हुए ! ये देख कर छोटे भाई के नालायक बेटों ने सोचा कि क्यों ना हम भी कथा वाचक बन जाएँ ! उन्होंने अपने पिता से इस बाबत बात की तो उनके पिता ने उन्हें मना किया क्योंकि उसे अपने पुत्रों की औकात का भली भांति ज्ञान था ! लेकिन चारों भाई… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on October 26, 2010 at 4:30pm — No Comments

सत्य (प्रेरक प्रसंग)

बहुत पुरानी बात है कहीं एक गावं था, जहाँ के अधिकाँश लोग येन केन प्राकरेण धन कमाने में लगे हुए थे | उन सब के लिए पैसा ही भगवान था | लेकिन उसी गावं में एक ब्राह्मण ऐसा भी था जिसने कभी भी कोई बुरा काम नही किया था, सत्य की राह पर चलते हुए जो भी मिलता उसी से गुजारा करता था | गाँव वाले कतई उसकी इज्ज़त नहीं किया करते थे क्योंकि वह बेचारा निर्धन था | एक दिन उस ब्राह्मण ने पूजा पाठ करते हुए भगवान को उलाहना दिया,



"हे ईश्वर, इस पूरे गाँव में एक मैं ही हूँ जो कि धर्म और सत्य की राह पर चल रहा… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on October 25, 2010 at 3:30pm — 8 Comments

क्या हमारे सितारे झूठ बोलते हैं ,

क्या हमारे सितारे झूठ बोलते हैं ,

ये सोच कर मेरा दिल जलता हैं ,

एक जन सेमसंग गुरु का रट लगाया ,

मेरे पॉकेट से अच्छा चूना लगवाया ,

एक बादशाह हैं अच्छा उल्लू बनाया ,

हप्ता क्या सालो मला ना चमक पाया ,

एक महानायक हमें जो बताया ,

हकीकत के पास उन्हें भी ना पाया ,

सर जी ने बोला आइडिया बदल देगी ,

नही पता था तीस रुपया वो काट लेगी ,

गलती से बेटा ने दबा दिया जो फोन आया ,

मेरे बैलेंस से तीस रुपया का चूना लगाया ,

बाद में पता चला १० और खा गया वो… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on October 18, 2010 at 7:30pm — 5 Comments

फुलेनवा ,

फुलेनवा ,

आज मेरा मन द्वन्द में भटक रहा था ,

करे या ना करे इसी पे अटक रहा था ,

कारन फुलेनवा के घर में था ,

और सामने पानी और मिठाई पड़ा था ,

आज कोल्कता में मैं हु ये भी हैं ,

आज से पैतीस साल पहले की घटना ,

मेरे मानस पटल में चमक रहा था ,

फुलेना खेतो में हल चलते थे ,

और हम भी बाबु जी के साथ ,

उन्हें खाना खिलने जाते थे ,

उनके साथ बैठ कर मैं खाने लगता ,

और ओ कहते बाबु हम अछुत हैं ,

मैं हसता और बस खाया करता ,

और आज उनके ही हाथ के… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on October 7, 2010 at 6:30pm — No Comments

मेरे दिल से पूछो ये चाहता क्या हैं ,

मेरे दिल से पूछो ये चाहता क्या हैं ,

चाह थी मंजिल तो मुश्किल से मिला ,

पैसे जुटाया लुट गया तो फायदा क्या हैं ,

अपने ही साथ नहीं दिए तो वो रिश्ता कैसे ,

महसूस किया मैंने ये जीवन जिसमे ,

राहों में ओ छोर चले तो जीना क्या हैं ,

खुशिया दूर से निकल गई समझ ना सका ,

वो आखे चुराने लगे समझा मजरा क्या हैं ,

मेरे दिल से पूछो ये चाहता क्या हैं ,

उनकी ख़ुशी खुश रहने के लिए कम न था ,

हा ओ किसी और के हो गए इसका गम हैं ,

लोगो को नजर आता हैं हंसता चेहरा… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on October 5, 2010 at 8:48pm — 2 Comments

..... कर दिया कमाल

वाह जनाब वाह, आप लोगों ने कर दिया कमाल ,

खुश हो गया हिंद, राम लला का मिल गया माल ,

तीन भाग में बट गया मिटीं सब मुश्किलात ,

कितना अच्छा था ये मौका दिखे सब एक साथ ,

अब गुजारिश मेरी सब से यही चाहे हिंदुस्तान ,

राम लला का मंदिर बने जो हैं देव तुल्य समान ,

गरिमा बढ़ जाएगी सब की देखेगा सारा जहान ,

हिन्दू मुस्लिम भाई भाई साथ रहेंगे सिख ईसाई ,

चारो की ताकत से ही हिंद में नई जान हैं आई ,

कौन कहता हैं हम लड़ते पूरे विश्व से हैं सवाल ,

वाह जनाब वाह आप लोग कर… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on October 1, 2010 at 12:30pm — 3 Comments

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