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ghazal

है कयामत या है बिजली सी जवानी आपकी

खूबसूरत सी मगर है जिंदगानी आपकी



तीर आँखों से चलाना या पिलाना होंठ से…

Continue

Posted on February 8, 2011 at 2:13pm

तुम्हारे बिना

दिल की तन्हाईयों से ज़िन्दगी के रास्ते नहीं कटते,
तुम्हारे बिना हमारी तनहा रातें नहीं कटते.

तुमने तो अपने दिल को रख दिया है उस शहर में,
जिसके रास्ते हमारी मंजिल तक नहीं पहोचते.

अपने दिलं के रास्तों को ऐसे बंद मत करो,
क्यूंकि उसी की राह से हमारी भी सांसें है गुज़रते.

इतना रूठ कर कहा जाओगे हमसे,
आप के रास्ते तो हमारी ही मंजिल पर आकर रुकते.

Posted on December 9, 2010 at 6:00pm

शाइरी

खुशी मेरी छीन ली उसने ,
मुस्कुराना भुला दिया ..
गम दे दिया मुझे ,
ज़िन्दगी भर रुलाने के लिए ........

कैसे जीते वो बिचड़ के लोग
ये हमने जाना है ..
कैसे जिंदा है वो लोग ये हमने जाना है ..
हमने तो अपने कातिल को देखा तक नही ........

Posted on December 9, 2010 at 5:47pm

ग़ज़ल ( उनको ही चाहा करेंगे... )

अब उनकी बेरुखी का न शिकवा करेंगे हम
लेकिन यह सच है उनको ही चाहा करेंगे हम ।

जायेंगे वो हमारी गली से गु़ज़र के जब
बेबस निगाह से उन्हें देखा करेंगे हम ।

तन्हाईयों में याद जब उनकी सताएगी
दिल और जिगर को थाम के तदपा करेंगे हम

करते नही कबूल मेरी बंदगी तो क्या
बस उनके नक्शे पा पे ही सजदा करेंगे हम ।

"अलीम" अगर वो यारे हसीं मेहरबान हो
जीने की थोडी और तम्मान्ना करेंगे हम ।

Posted on June 12, 2010 at 9:49pm — 5 Comments

Comment Wall (16 comments)

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At 1:06am on May 25, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें....... 

At 4:50pm on May 25, 2011, raj jalan said…
happy birth day
At 10:27am on May 25, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 9:55pm on July 5, 2010, Admin said…
अलीम जी ओपन बुक्स ऑनलाइन मौलिक रचनाओ को बढ़ावा देना चाहता है, यह रचना किसी और का है, जिसे आप दिये लिंक http://anurag-ulove.blogspot.com/2009/06/blog-post_9380.html & http://www.urdupoetry.com/parvin22.html पर देख सकते है, यदि कोई बहुत ही अच्छी रचना दुसरे का लिखा हुआ पोस्ट करना जरूरी ही हो तो उसे मूल लेखक के अनुमति से या कमसे कम मूल लेखक के नाम के साथ ही पोस्ट करना चाहिये, अपने नाम के साथ नहीं,
उम्मीद है आप आगे से ध्यान रखेंगे तथा ओपन बुक्स ऑनलाइन के प्रगति मे सहायक होंगे ,
धन्यवाद सहित
ADMIN
OBO
At 3:39pm on May 25, 2010, Rash Bihari Ravi said…
janam din mubarak ho
At 10:20am on May 25, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…
MANY MANY HAPPY RETURNS OF THE DAY ALEEM BHAI.....
At 8:39am on May 25, 2010, Admin said…
ऒपन बुक्स आनलाइन परिवार आपके जन्मदिन के अवसर पर आपके स्वस्थ, दिर्घ और सफल जीवन की कामना करता है, जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई Aleem Azmi jee,
At 11:30pm on May 18, 2010, fauzan said…
Aleem Bhai..
Bahut shukriya
At 2:13pm on May 16, 2010, Chhavi Chaurasia said…
अलीं साहब , आपकी ग़ज़ल ख़ासकर -- सहारा तेरा .. मुझे बेहद पसंद आई बहुतअच्छे लिखते हैं आप..
At 11:20pm on May 4, 2010, asha pandey ojha said…
मुझे न जाने क्या क्या कह देते है वोह
मैं कुछ कह दूं तो वो शर्माने लगते है

दिल में किसी के बस जाना आसान नहीं
काम कठिन है इस में ज़माने लगते है
bahut khoob ..bemesaal..
 
 
 

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