For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Monika Jain
  • Female
  • Greater Noida
  • India
Share on Facebook MySpace

Monika Jain's Friends

  • बृजमोहन स्वामी 'बैरागी'
  • Dr Babban Jee
  • Preeti
  • Raj Kumar Rohilla
  • Rekha Joshi
  • Dr.Prachi Singh
  • Ashok Kumar Raktale
  • लक्ष्मण रामानुज लडीवाला
  • PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA
  • pardeep yadav
  • aashukavi neeraj awasthi
  • Shyam Bihari Shyamal
  • Er. Ambarish Srivastava
  • AjAy Kumar Bohat
  • Saurabh Pandey

Monika Jain's Groups

 

Monika Jain's Page

Profile Information

Gender
Female
City State
U. P.
Native Place
Bhind
Profession
Media
About me
RJ, Hindi Script writer and anchor the TV and Stage shows

Monika Jain's Blog

प्रतीक्षारत विरह

"प्रिये अपनी दाईं तरफ थोड़ा सा मुड़कर देखो

कोई है जो हौले से तुम्हारे सीने पर हाथ रखना चाहती है ।

तुम्हे नील गगन और खुद को धरा बनाना चाहती है ।

तुम्हारे आलिंगन…
Continue

Posted on August 27, 2018 at 9:30pm — 2 Comments

स्त्रीत्व

"वो सफर लगातार चलता ही रहा.....

वो रस्ते बस आगे, और आगे ही बढ़ते रहे।

मैं कभी ज़मीन पर तो कभी आसमान पर,

दिन भर बुने अपने ख़ाबों की लड़ी सजती रही।

अपने ही वजूद को कभी बच्चों में, कभी घर की दीवारों में,

तो कभी उनकी आँखों में तलाशती रही.......

जानती हूँ सब हैं मेरे, पर.... फिर भी,

मैं अपने ख़ाबों के साथ अकेली सफर तय करती रही।

और ये आस ये उम्मीद बांधती रही कि,

मेरे अस्तित्व से निरंतर झरती जीवन धारा को

ये समाज आज नहीं तो कल सहृदय अपनायेगा।…

Continue

Posted on March 17, 2016 at 6:30pm — 3 Comments

इंतज़ार........

इंतज़ार........

हम आज भी तेरे जाने के बाद, तेरे कदमो के निशाँ पे सर रख के सजदा करते हैं I

जो आँख तेरे आने पे झपकना भूल जाती थी, और एकटक निहारा करती थी तुम्हें

वही आँखें अब तेरे कदमों की छाप पर टिकी इंतज़ार करती हैं,

कि कब ये निशाँ वापस मेरी ओर लौट कर आयेंगे....

कान हर पल तेरी आहात को सुनने के लिए बेताब रहते हैं,

दिल-ओ-दिमाग हर वक़्त हर वक़्त तेरे ख़यालों में गुम सा रहता है,

दिल हर घडी…
Continue

Posted on June 9, 2012 at 6:16pm — 2 Comments

सौन्दर्य और स्वास्थ्य एक दूसरे के पूरक



        सौन्दर्य और स्वस्थ्य दोनो एक ही सिक्के के दो पहलू हैं लेकिन इसके बावजूद भी हम में से ज़्यादातर महिलाऐं सिक्के के एक ही पहलू यानि सिर्फ खूबसूरती पर ही ध्यान देती हैं । और स्वस्थ्य को जाने - अनजाने दरकिनार करती चली जाती हैं । बहुत सी महिलाओं की नज़र में खूबसूरती के मायने हैं आकर्षक मेकअप, खूबसूरत कपड़े, और मैचिंग जूलरी । लेकिन क्या सचमुच खूबसूरती के यही मायने हैं ? हम ये तो नहीं कहते कि आकर्षक कपड़े, ज़ेवर, और मेकअप खूबसूरती का हिस्सा नहीं हैं लेकिन यह…

Continue

Posted on May 19, 2012 at 11:30pm — 8 Comments

Comment Wall (5 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 2:20pm on July 28, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनायें.

At 9:59pm on June 23, 2012, Raj Kumar Rohilla said…

          

परकृति की पूरक जो तुम हो इसीलिए  तो हार हार कर जीने की मुमुक्षा तुम में है

एस्त्रैन भाव  को मेरे हार्दिक नमन

At 11:09am on May 10, 2012, PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA said…

आदरणीय मोनिका जी, ये मेरा सौभाग्य है की आपने  मुझे  इस  काबिल  समझा. आभार. 

At 10:29am on January 2, 2012, Admin said…

आदरणीया मोनिका जी, ओ बी ओ पर हिंदी टंकण हेतु कई सारे उपाय दिए लिंक पर बताये गए है, आप लिंक देख ले, वैसे सीधे बॉक्स में लिखने वाला टूल भी बहुत बढ़िया काम करता है | आप नीचे दिया लिंक पहले देख ले .........

http://www.openbooksonline.com/forum/topics/5170231:Topic:27913

At 10:00am on January 2, 2012, Neelam Upadhyaya said…

ओबिओ पर आपका स्वागत है .

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब जब मलाई लिख दिया गया है यानी किसी प्रोसेस से अलगाव तो हुआ ही है न..दूध…"
12 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
Monday
Shabla Arora updated their profile
Monday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service