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Balram Dhakar
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Shyam Narain Verma commented on Balram Dhakar's blog post ग़ज़ल: अगर कोशिश करेंगे आबोदाना मिल ही जाएगा।
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर और ज्ञान वर्धक प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Sep 28, 2023
Euphonic Amit commented on Balram Dhakar's blog post ग़ज़ल: अगर कोशिश करेंगे आबोदाना मिल ही जाएगा।
"आदरणीय बलराम धाकड़ जी आदाब  ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है।  कुछ बिंदुओं से अवगत करवाना चाहूँगा।  अगर तर्के तअल्लुक का अहद× कर ही चुके हो तुम ज़ह्न× पर ज़ोर दो, कोई बहाना मिल ही जाएगा। सहीह शब्द हैं अह्द 21 और ज़िह्म 21 अच्छी…"
Sep 26, 2023
Balram Dhakar posted a blog post

ग़ज़ल : बलराम धाकड़ (पाँव कब्र में जो लटकाकर बैठे हैं।)

22 22 22 22 22 2 पाँव कब्र में जो लटकाकर बैठे हैं।उनके मन में भी सौ अजगर बैठे हैं। 'ए' की बेटी, 'बी' का बेटा, 'सी' की सास,दुनियाभर का ठेका लेकर बैठे हैं। कहाँ दिखाई देती हैं अब वो रस्में,भाभीमाँ की गोद में देवर बैठे हैं। मैं दरवाज़े पर ताला जड़ आया हूँ,दुश्मन घर में घात लगाकर बैठे हैं। अब हम सब सीसीटीवी की ज़द में हैं,चित्रगुप्त कब खाते लेकर बैठे हैं। अदबी लोगो! अदब की चिन्ता जायज़ है,हर नुक्कड़ पर चार सुख़नवर बैठे हैं। सबका नंबर आएगा, निश्चिंत रहो!धुंधले साए बंकर-बंकर बैठे हैं।बैरागी बातें करने…See More
Sep 21, 2023
Balram Dhakar posted a blog post

ग़ज़ल: अगर कोशिश करेंगे आबोदाना मिल ही जाएगा।

1222 1222 1222 1222 अगर कोशिश करेंगे आबोदाना मिल ही जाएगा।किराए का सही कोई ठिकाना मिल ही जाएगा।.अगर तर्के तअल्लुक का अहद कर ही चुके हो तुम,ज़ह्न पर ज़ोर दो, कोई बहाना मिल ही जाएगा।.हमें अच्छी बुरी कोई न कोई मिल ही जाएगी,तुम्हें डिप्टी कलक्टर का घराना मिल ही जाएगा।.ज़रूरत क्या है दरिया के भँवर को आज़माने की, किनारा थाम कर चलिए, दहाना मिल ही जाएगा।.खुशी अपनी किसी लॉकर में रख कर भूल गए हम लोग,तलाशी लें अगर अपनी ख़ज़ाना मिल ही जाएगा।.भले कितना भी कुछ कर लीजिए इनके लिए लेकिन,अगर वालिद हैं तो बच्चों से…See More
Sep 19, 2023
Balram Dhakar commented on Balram Dhakar's blog post ग़ज़ल : बलराम धाकड़ (पाँव कब्र में जो लटकाकर बैठे हैं।)
"बहुत बहुत शुक्रिया, आदरणीय समर सर. सादर."
Sep 19, 2023
Balram Dhakar commented on Balram Dhakar's blog post ग़ज़ल- बलराम धाकड़ (मुहब्बत के सफ़र में सैकड़ों आज़ार आने हैं)
"आदरणीय दण्डपाणी जी, हौसला अफज़ाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया. सादर."
Sep 19, 2023
Balram Dhakar commented on Balram Dhakar's blog post ग़ज़ल- बलराम धाकड़ (मुहब्बत के सफ़र में सैकड़ों आज़ार आने हैं)
"बहुत बहुत शुक्रिया आपका, आदरणीय दयाराम जी. सादर."
Sep 19, 2023
Balram Dhakar commented on Balram Dhakar's blog post ग़ज़ल- बलराम धाकड़ (मुहब्बत के सफ़र में सैकड़ों आज़ार आने हैं)
"आदरणीय अजय तिवारी जी, हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया. आपको ग़ज़ल पसंद आई, मेरा कहना सार्थक हुआ. सादर."
Sep 19, 2023
Balram Dhakar commented on Balram Dhakar's blog post ग़ज़ल: वक़्त की शतरंज पर किस्मत का एक मोहरा हूँ मैं।
"बहुत बहुत शुक्रिया, आदरणीय नासवा जी. सादर."
Sep 19, 2023
Balram Dhakar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-151
"आदरणीय तिलक राज सर, ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफजाई का बहुत बहुत शुक्रिया! आभार।"
May 14, 2023
Balram Dhakar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-151
"बहुत बहुत शुक्रिया, आदरणीया प्रतिभा जी। सादर।"
May 14, 2023
Balram Dhakar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-151
"आदरणीय दयाराम जी, ग़ज़ल में आपकी शिरकत का आभार ! सादर!"
May 14, 2023
Balram Dhakar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-151
"आ. लक्ष्मण भाई जी, बहुत बहुत शुक्रिया आपका ! सादर!"
May 14, 2023
Balram Dhakar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-151
"ग़ज़ल में आपकी शिरकत का बहुत बहुत शुक्रिया, आदरणीय सौरभ सर ! आपकी इस्लाह के मुताबिक सुधार का प्रयास रहेगा l सादर !"
May 14, 2023
Balram Dhakar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-151
"हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया, आदरणीय मिथिलेश जी! आपकी इस्लाह सर-आँखों पर l आभार आपका l"
May 14, 2023
Balram Dhakar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-151
"आदरणीय तिलक राज सर, प्रदत्त विषय सुंदर और सार्थक दोहों के लिए बधाई। सादर!"
May 14, 2023

Profile Information

Gender
Male
City State
Bhopal, Madhya Pradesh
Native Place
Bareli, Raisen (MP)
Profession
Astr. Commissioner, GST

Balram Dhakar's Blog

ग़ज़ल: अगर कोशिश करेंगे आबोदाना मिल ही जाएगा।

1222 1222 1222 1222

 

अगर कोशिश करेंगे आबोदाना मिल ही जाएगा।

किराए का सही कोई ठिकाना मिल ही जाएगा।

.

अगर तर्के तअल्लुक का अहद कर ही चुके हो तुम,

ज़ह्न पर ज़ोर दो, कोई बहाना मिल ही जाएगा।

.

हमें अच्छी बुरी कोई न कोई मिल ही जाएगी,

तुम्हें डिप्टी कलक्टर का घराना मिल ही जाएगा।

.

ज़रूरत क्या है दरिया के भँवर को आज़माने की, 

किनारा थाम कर चलिए, दहाना मिल ही जाएगा।

.

खुशी अपनी किसी लॉकर में रख कर भूल गए…

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Posted on September 19, 2023 at 4:56pm — 2 Comments

ग़ज़ल : बलराम धाकड़ (पाँव कब्र में जो लटकाकर बैठे हैं।)

22 22 22 22 22 2

 

पाँव कब्र में जो लटकाकर बैठे हैं।

उनके मन में भी सौ अजगर बैठे हैं।

 

'ए' की बेटी, 'बी' का बेटा, 'सी' की सास,

दुनियाभर का ठेका लेकर बैठे हैं।

 

कहाँ दिखाई देती हैं अब वो रस्में,

भाभीमाँ की गोद में देवर बैठे हैं।

 

मैं दरवाज़े पर ताला जड़ आया हूँ,

दुश्मन घर में घात लगाकर बैठे हैं।

 

अब हम सब सीसीटीवी की ज़द में हैं,

चित्रगुप्त कब खाते लेकर बैठे हैं।

 

अदबी…

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Posted on February 1, 2023 at 11:00pm — 8 Comments

ग़ज़ल: वक़्त की शतरंज पर किस्मत का एक मोहरा हूँ मैं।

2122 2122 2122 212
.
वक़्त की शतरंज पर किस्मत का एक मोहरा हूँ मैं। 
ज़िंदगी इतना भी ख़ुश मत हो, अभी ज़िंदा हूँ मैं। 
.
मैं ख़ुदा की हाज़िरी में भी न बदलूँगा बयान, 
तुझको हाज़िर और नाज़िर जानकार कहता हूँ मैं। 
.
एक ही घर में बसर करना मुहब्बत तो नहीं, 
आज भी तेरी ख़ुशी…
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Posted on October 16, 2019 at 10:00pm — 9 Comments

ग़ज़ल- बलराम धाकड़ (हम अपनी ज़िंदगी भर ज़िंदगी बर्दाश्त करते हैं)

1222 1222 1222 1222
सुबह से शाम तक नाराज़गी बर्दाश्त करते हैं।
हम अपने अफ़सरों की ज़्यादती बर्दाश्त करते हैं।
अज़ल से हम उजाले के रहे हैं मुन्तज़िर लेकिन,
मुक़द्दर ये कि अबतक तीरगी बर्दाश्त करते हैं।
सँभालो लड़खड़ाते अपने क़दमों को, ख़ुदा…
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Posted on February 11, 2019 at 10:30pm — 6 Comments

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