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Atul Saxena
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Atul Saxena replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" हीरक जयंती अंक-75 (विषय मुक्त)
"जी, वो तो लग रहा है। आप सब को पढ़ समझ व सुझावों से  धीरे धीरे   सुधर हो  जाएगा।  इसी आशा से आप सब संग लिखे को यहां साझा करते है  धन्यवाद मित्र  "
Jun 30, 2021
Atul Saxena replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" हीरक जयंती अंक-75 (विषय मुक्त)
"गुड्डो चली गयी है ना जब से चुन्नी डालने लगी थी बिटिया तुम्ही बताओ कभी दाल में घी डाली थी /ऑफिस भी पैदल जाने लगे थे रिक्शा का दो रुपया बच जाता था अच्छे से स्वागत सत्कार किया .. समधियाने से कोई शिकायत नही आई आती भी कैसे देसी घी चुआ रहा था मूंग की दाल…"
Jun 29, 2021
Atul Saxena replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-71
"प्रयास की सराहना के लिए शुक्रिया शहज़ाद भाई  ग्रुप नियमो के विषय में आगे से सावधान रहेंगे "
Feb 28, 2021
Atul Saxena replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-71
"पहली दौड़ घर से स्कूल डेढ़ दो किलोमीटर था और उससे विपरीत था तीन किलोमीटर वर्धमान कॉलेज। छठी में आ गए थे। दीदी साइकिल पर बैठा पहले हमे स्कूल छोड़ती फिर अपने कॉलेज जाती। दीदी की कमर अच्छे से पकड़ उनसे चिपक बैठते फिर भी दीदी जरा जरा दूरी पर मेरा हाथ…"
Feb 27, 2021
Atul Saxena replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" स्वर्ण जयंती अंक-50
"पग्गल   भईया - आवाज़ सुन ठिठक गये।  तीस साल वक़्त इतना भी लम्बा नहीं था कि संतोष भुला जाये ...चारदीवारी पर मुंह टिकाये खड़ी थी वह ...  अरे संतोष - मै हुलस के उसके पास आया - कैसी है तू - भईया वो जंगल जलेबी का पेड़ कट गयाउसकी…"
May 31, 2019

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ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा

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"आदरणीय रवि भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो  कर  उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
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"आ. नीलेश भाई , ग़ज़ल पर उपस्थिति  और  सराहना के लिए  आपका आभार  ये समंदर ठीक है,…"
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. रवि शुक्ला जी. //हालांकि चेहरा पुरवाई जैसा मे ंअहसास को मूर्त रूप से…"
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Ravi Shukla commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
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