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धार्मिक साहित्य Discussions (166)

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लावणी छन्द (ईश गरिमा)

लावणी छन्द (ईश गरिमा) तेरी ईश सृष्टि की महिमा, अद्भुत बड़ी निराली है;कहीं शीत है कहीं ग्रीष्म है, या बसन्त की लाली है।जग के जड़ चेतन जितने भ…

Started by बासुदेव अग्रवाल 'नमन'

1 May 3, 2021
Reply by शुचिता अग्रवाल "शुचिसंदीप"

पञ्चचामर छन्द, श्री हनुमान वंदना

उपासना करें सभी,महाबली कपीश की,विराट दिव्य रूप की,दयानिधान ईश की।कराल काल जाल से, प्रभो उबार लीजिये,अपार भक्ति दान की,कृपा सदैव कीजिये। प्…

Started by शुचिता अग्रवाल "शुचिसंदीप"

2 May 3, 2021
Reply by शुचिता अग्रवाल "शुचिसंदीप"

मरहठा छंद "कृष्ण लीलामृत"

मरहठा छंद "कृष्ण लीलामृत" धरती जब व्याकुल, हरि भी आकुल, हो कर लें अवतार।कर कृपा भक्त पर, दुख जग के हर, दूर करें भू भार।।द्वापर युग में जब,…

Started by बासुदेव अग्रवाल 'नमन'

0 Apr 26, 2021

भक्तिरस के दोहे :

भक्तिरस के दोहे : देना हो तो दीजिए, प्रभु ऐसा वरदान। मुख से निकले राम जब, प्राण करें प्रस्थान।1। पाना हो जो राम तो , बन जाओ हनुमान। अंतर्…

Started by Sushil Sarna

2 Aug 13, 2020
Reply by Sushil Sarna

गणपति वंदना

गणपति महाराजा, पूर्ण करो काजा, दयावंत, दयाधारी. गौरी नंदन , दूर करो क्रंदन, जाऊँ मैं  बलिहारी. रिद्धि-सिद्धि के स्वामी, अंतर्यामी, तुम हो…

Started by Anita Sharma

0 Oct 5, 2018

तुलसी : एक सच्चे गुरु

तुलसी :एक सच्चे गुरु 'उमा कहेउ मैं अनुभव अपना. सत हरि भजन जगत सब सपना.' इस एक चौपाई में संतकवि तुलसी जीवन के उस परम सत्य से साक्षात् कराते…

Started by Ganga Dhar Sharma 'Hindustan'

0 Aug 25, 2018

जपत रटत राम नाम, तरना है दुनिया

(छंद-उड़ियाना पद, विधान- उड़ियाना-12, 10 अंत में एक गुरू, उड़ियाना पद 12,12,12,10 अंत में एक गुरू) जपत रटत राम नाम, तरना है दुनिया जपत रटत रा…

Started by रमेश कुमार चौहान

0 May 31, 2018

हरो बाधा सभी हनुमन........

हरो बाधा सभी हनुमन..... विधाता छंद हरो बाधा सभी हनुमन.........शरण मैं आपकी आया। करो मुझपर कृपा ऐसी,....विमल हो बुद्धि मन काया।। नमन करता सद…

Started by Satyanarayan Singh

0 Apr 1, 2018

अनुष्टुप छंद

अनुष्टुप छंद यह छन्द न पूर्णतयः मात्रिक है, न ही पूर्णतयः वार्णिक। इसमें चार चरण होते हैं। हर चरण में आठ वर्ण होते हैं - पर मात्राएँ सबमें…

Started by SANDEEP KUMAR PATEL

2 Dec 30, 2017
Reply by SANDEEP KUMAR PATEL

मौसे कह गयो थो कान्हा (कविता)

मौसे कह गयो थो कान्हा बेगी ही आ जावेगो सलौनी सन्ध्या हो चली है जाने कब वो आवेगो माखन देखो सूख गयो है धूप में कान्हा जब से गयो है हाय हाय अ…

Started by KALPANA BHATT ('रौनक़')

0 Oct 12, 2017

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मिथिलेश वामनकर posted a discussion
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय  दिनेश जी,  बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
2 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर बागपतवी जी,  उम्दा ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
2 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी,  बेहतरीन ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। मैं हूं बोतल…"
3 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय  जी, बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। गुणिजनों की इस्लाह तो…"
3 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन प्रकाश  जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया रिचा जी,  अच्छी ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
3 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  बहुत ही बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए।…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी, बहुत शानदार ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
3 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा जी, बहुत धन्यवाद। "
5 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी, बहुत धन्यवाद। "
5 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी, आप का बहुत धन्यवाद।  "दोज़ख़" वाली टिप्पणी से सहमत हूँ। यूँ सुधार…"
5 hours ago

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