मीडिया को सुधरना होगा .
''सरकार को जाँच पूरी होने तक जी न्यूज़ का लाइसेंस निलंबित कर देना चाहिए ''प्रैस कौंसिल ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष जस्टिस मार्कंडेय काटजू के ये शब्द एक चेतावनी हैं हमारे मीडिया जगत के लिए जहाँ चैनल की आड़ में गैर कानूनी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है .कौंग्रेस सांसद नवीन जिंदल की कम्पनी के खिलाफ खबर न चलने के बदले १०० करोड़ रूपए की वसूली का प्रयास करने और धोखा धडी के आरोप में जी न्यूज़ के दो संपादक सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया को दिल्ली की एक अदालत ने जमानत देने से इंकार कर दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया .इन दोनों पर भारतीय दंड सहिंता की निम्न धाराओं में आरोप लगाये गए हैं जिनका विवरण निम्न प्रकार है-
१२०-बी आपराधिक षड्यंत्र के लिए दंड -और आपराधिक षड्यंत्र क्या है ये धारा १२०-क में बताया गया है जो कहती है -
१२०-क -आपराधिक षड्यंत्र की परिभाषा -जबकि दो या दो से अधिक व्यक्ति -
१-कोई अवैध कार्य ,अथवा
२-कोई ऐसा कार्य ,जो अवैध नहीं है ,अवैध साधनों द्वारा ,करने या करवाने के लिए सहमत होते हैं तब ऐसी सहमति आपराधिक षड्यंत्र कहलाती है ;
और धारा १२०-बी में ऐसे अपराध के लिए मृत्यु [आजीवन कारावास ]या दो वर्ष या उससे अधिक अवधि के कठिन कारावास का दंड है .
१२०-बी के साथ इन पर धारा 384 लगायी गयी है जिसमे उददापन के लिए दंड का प्रावधान है जो कि 3 वर्ष तक के दोनों में से किसी प्रकार के कारावास या जुर्माने का है ये अपराध क्या है यह धारा 383 बताती है -
धारा 383 -जो कोई किसी व्यक्ति को स्वयं उस व्यक्ति की या किसी अन्य व्यक्ति की कोई क्षति करने के भय में साशय डालता है ,और तद्द्वारा इस प्रकार भय में डाले गए व्यक्ति को ,कोई सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति या हस्ताक्षरित या मुद्रांकित कोई चीज़ ,जिसे मूल्यवान प्रतिभूति में परिवर्तित किया जा सके किसी व्यक्ति को परिदत्त करने के लिए बेईमानी से उत्प्रेरित करता है वह उददापन करता है .
इसके साथ ही धारा ४२० भी इनपर लगायी गयी है जो कहती है -
धारा ४२० आई.पी.सी.-जो कोई छल करेगा और तद्द्वारा उस व्यक्ति को जिसे प्रवंचित किया गया है बेईमानी से उत्प्रेरित करेगा कि वह कोई संपत्ति किसी व्यक्ति को परिदत्त कर दे या किसी भी मूल्यवान प्रतिभूति को या किसी चीज़ को जो हस्ताक्षरित या मुद्रांकित हो और जो मूल्यवान प्रतिभूति में संपरिवर्तित किये जाने योग्य हो पूर्णतः या अंशतः रच दे ,परिवर्तित कर दे या नष्ट कर दे वह दोनों में से किसी भांति की कारावास से जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा .
और इन सभी अपराधों को करने के लिए जो इनके प्रयत्न है ऐसे अपराधों को करने के जो आजीवन कारावास या अन्य कारावास से दंडनीय हो को करने का प्रयत्न भारतीय दंड सहिंता की धारा ५११ में दंडनीय है और वह भी इन पर लगायी गयी है .
उपरोक्त धाराओं के सन्दर्भ में मीडिया को अपनी कार्य प्रणाली में सुधार लाते हुए कानून का पालन कराने में सक्रिय होना होगा न कि इसकी आड़ में कानून तोड़ने वालों की पंक्ति में .
शालिनी कौशिक
[कानूनी ज्ञान ]
Tags:
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |