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सामाजिक सरोकार Discussions (89)

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क्या लोकतांत्रिक सरकार की यही कार्यशैली है ?

महाराष्ट्र की राजनीति में इस वक्त भूचाल आया हुआ है। जिस प्रकार से बीएमसी ने अवैध बताते हुए नोटिस देने के 24 घंटो के भीतर ही एक अभिनेत्री क…

Started by dr neelam mahendra

0 Sep 15, 2020

स्वच्छता का भाव

एक पूर्व ऐतिहासिक विवेचन——————————स्वच्छता है क्या और इसका भाव आया कैसे , यह मनुष्य के जीवन में इतनी आवश्यक क्यों है , यह जानने की जिज्ञासा…

Started by Dr. Vijai Shanker

1 Sep 30, 2019
Reply by Dr. Vijai Shanker

सामाजिक न्याय की तरफ एक ठोस कदम

सामाजिक न्याय की तरफ एक ठोस कदम भारत की राजनीति का वो दुर्लभ दिन जब विपक्ष अपनी विपक्ष की भूमिका चाहते हुए भी नहीं नहीं निभा पाया और न चाह…

Started by dr neelam mahendra

0 Jan 15, 2019

बांग्लादेश चुनाव परिणाम भाजपा के लिए केस स्टडी हो सकते हैं

बांग्लादेश चुनाव परिणाम भाजपा के लिए केस स्टडी हो सकते हैं वैसे तो आने वाला हर साल अपने साथ उत्साह और उम्मीदों की नई किरणें ले कर आता है,…

Started by dr neelam mahendra

0 Jan 4, 2019

एक अनुसंधान : ईश्वर क्या हैं?

जब भी 'ईश्वर' शब्द हमारे जेहन में आता है, मस्तिष्क स्वतः धार्मिक चिंतन में प्रवेश करने को अग्रसर हो जाता है| वास्तव में अगर हम हजारों वर्षो…

Started by K.Kumar

2 Dec 31, 2018
Reply by मनु

क्या यह दबी चिंगारी को हवा देने की कोशिश है

क्या यह दबी चिंगारी को हवा देने की कोशिश है? अभी ज्यादा दिन नहीं हुए थे जब सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने एक कार्यक्रम के दौरान पंजाब में…

Started by dr neelam mahendra

1 Dec 31, 2018
Reply by मनु

बहस और तर्क में अंतर

बहस और तर्क में अंतर होता है ये बात बहुत बारीक लकीर के अंतर से समझी जा सकती है तर्क आप तब करते है जब आपको किसी विषय की जानकारी होती है तथ्य…

Started by मनु

0 Dec 31, 2018

राष्ट्रवाद एक विवाद

डॉ नीलम महेंद्र कृत “राष्ट्रवाद एक विवाद” में राष्ट्रवाद की सीमाओं का विश्लेषण डॉ नीलम महेंद्र कृत राष्ट्रवाद एक विवाद निश्चित ही एक महत्व…

Started by dr neelam mahendra

0 Nov 5, 2018

महिलाओं के लिए ये कैसी लड़ाई जिसे महिलाओं का ही समर्थन नहीं

महिलाओं के लिए ये कैसी लड़ाई जिसे महिलाओं का ही समर्थन नहीं मनुष्य की आस्था ही वो शक्ति होती है जो उसे विषम से विषम परिस्थितियों से लड़कर वि…

Started by dr neelam mahendra

0 Nov 1, 2018

केवल पुरुषों को दोष देने से काम नहीं चलेगा।

केवल पुरुषों को दोष देने से काम नहीं चलेगा। पुरानी यादें हमेशा हसीन और खूबसूरत नहीं होती। मी टू कैम्पेन के जरिए आज जब देश में कुछ महिलाएं अ…

Started by dr neelam mahendra

1 Oct 15, 2018
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

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Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय निलेश सर ग़ज़ल पर नज़र ए करम का देखिये आदरणीय तीसरे शे'र में सुधार…"
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"  आदरणीय सुशील सरनाजी, कई तरह के भावों को शाब्दिक करती हुई दोहावली प्रस्तुत हुई…"
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कुंडलिया. . . . .

कुंडलिया. . .चमकी चाँदी  केश  में, कहे उमर  का खेल ।स्याह केश  लौटें  नहीं, खूब   लगाओ  तेल ।खूब …See More
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"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
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"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय निलेश सर ग़ज़ल पर इस्लाह करने के लिए सहृदय धन्यवाद और बेहतर हो गये अशआर…"
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. आज़ी तमाम भाई "
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Nilesh Shevgaonkar commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"आ. आज़ी भाई मतले के सानी को लयभंग नहीं कहूँगा लेकिन थोडा अटकाव है . चार पहर कट जाएँ अगर जो…"
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Aazi Tamaam commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"बेहद ख़ूबसुरत ग़ज़ल हुई है आदरणीय निलेश सर मतला बेहद पसंद आया बधाई स्वीकारें"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आ. आज़ी तमाम भाई,अच्छी ग़ज़ल हुई है .. कुछ शेर और बेहतर हो सकते हैं.जैसे  इल्म का अब हाल ये है…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आ. सुरेन्द्र भाई अच्छी ग़ज़ल हुई है बोझ भारी में वाक्य रचना बेढ़ब है ..ऐसे प्रयोग से…"
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गिरिराज भंडारी commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सुरेंदर भाई , अच्छी ग़ज़ल हुई है , हार्दिक बधाई आपको , गुनी जन की बातों का ख्याल कीजियेगा "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"आदरणीय आजी भाई , ख़ूबसूरत ग़ज़ल हुई है , दिली बधाई स्वीकार करें "
4 hours ago

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