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dilbag virk's Discussions (601)

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"ध्यान भटकने देना  दोनों जगह मना है कभी ध्यान से देखो  ये ज़िंदगी का कुआँ है   बहुत खूब"

dilbag virk replied Nov 18, 2011 to 'चित्र से काव्य तक' प्रतियोगिता अंक-८

866 Nov 21, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"सुधिजनों का बहुत-बहुत धन्यवाद"

dilbag virk replied Nov 18, 2011 to 'चित्र से काव्य तक' प्रतियोगिता अंक-८

866 Nov 21, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"सुंदर दोहे, एक शंका का समाधान चाहूँगा, सीखने की दृष्टि से   ये दुनिया इक कूप है, जीव…"

dilbag virk replied Nov 18, 2011 to 'चित्र से काव्य तक' प्रतियोगिता अंक-८

866 Nov 21, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"मगर मौत कब जीती है और ज़िन्दगी कब हारी है ये जंग तो हर युग में जारी है ----- बहुत खू…"

dilbag virk replied Nov 18, 2011 to 'चित्र से काव्य तक' प्रतियोगिता अंक-८

866 Nov 21, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"जिंदगी मौत का कुआं ही तो है जिसके भंवर में फंसे हम सब चक्कर काटते रहते हैं -------जि…"

dilbag virk replied Nov 18, 2011 to 'चित्र से काव्य तक' प्रतियोगिता अंक-८

866 Nov 21, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"             जिंदादिली                                          (कविता)            …"

dilbag virk replied Nov 18, 2011 to 'चित्र से काव्य तक' प्रतियोगिता अंक-८

866 Nov 21, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"                       तांका            1.   डरें कायर               खतरों से खेलते…"

dilbag virk replied Nov 18, 2011 to 'चित्र से काव्य तक' प्रतियोगिता अंक-८

866 Nov 21, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"दे सबको संदेश यह, दीपों का त्योहार रोशन सारा विश्व हो, दूर हो अंधकार । दूर हो अंधकार…"

dilbag virk replied Oct 18, 2011 to 'चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अंक -७' ( Closed with 654 Replies )

654 Oct 19, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"संजय मिश्रा जी , सौरभ पांडे जी नमस्कार आपकी टिप्पणी के लिए आभारी हूँ तांका और कुंडलि…"

dilbag virk replied Oct 16, 2011 to 'चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अंक -७' ( Closed with 654 Replies )

654 Oct 19, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"दीवाली त्योहार पर, जले दीप से दीप सब अंधकार दूर हों, रोशनी हो समीप । रोशनी हो समीप,…"

dilbag virk replied Oct 16, 2011 to 'चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अंक -७' ( Closed with 654 Replies )

654 Oct 19, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

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"आ. अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी, मेरी सारछंद प्रस्तुति आपको सार्थक, उद्देश्यपरक लगी, हृदय से आपका…"
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"हार्दिक आभार आदरणीय "
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"आदरणीय अखिलेश जी उत्साहवर्धन के लिये आपका हार्दिक आभार। "
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप उत्तम छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
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