For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अभय कान्त झा दीपराज कृत -
                      प्रार्थना

मैं   विवेक  के  गंगा  जल से,  सारे जग  का  मल  धोऊँ |
हे  प्रभु  मुझको  शक्ति  दे, मैं जग का स्वर्णिम कल होऊँ ||

प्रभु ,  मेरे  इस  तन  और मन से,  सारे  पाप  हटा दे  तू |
और  राहों  से  अन्धकार  को बनकर ज्योति मिटा दे  तू ||
जिस जग ने  रचना  की मेरी,  उस  पर  न्योछावर   होऊँ |
हे प्रभु मुझको शक्ति दे,  मैं  जग  का  स्वर्णिम  कल होऊँ ||१ ||

बनूँ  पुण्य  का  प्रहरी   और   इस जग से पाप मिटा दूँ मैं |
दीनों  और   दुखियों   के   आँसू ,  पर   सर्वस्व लुटा दूँ मैं ||
दानवता  को  थर्रा   दूँ   मैं,   जब   जागूँ ,   चंचल  होऊँ |
मैं  विवेक  के  गंगा जल से,  सारे  जग   का  मल   धोऊँ || २ ||

प्रभु  मुझको  बल बुद्धि धैर्य का तू  अनुपम  सागर  कर दे |
पी  सकूँ   हलाहल  और  अमृत  उगलूँ  ऐसी गागर कर दे||
अभिमान न हो कुछ पाने का, हो गौरव जब खुद को खोऊँ ||
हे  प्रभु  मुझको  शक्ति  दे,  मैं जग का स्वर्णिम  कल होऊँ || ३||

दानवता को जीत सकूँ  मैं,  मानवता  का  मान  बढ़ा कर|
जग  को  मैं  आदर्श  बना  दूँ , सिद्धांतों का पाठ पढ़ा कर || 
लक्ष्य न जब तक पालूँ अपना,  थक कर कभी न मैं सोऊँ |
हे  प्रभु  मुझको  शक्ति  दे,  मैं जग का स्वर्णिम कल होऊँ || ४||

चक्र मुझे प्रभु  दे अपना  तू ,  बस  कर  इस  अंतर्मन  में |
धर्म, न्याय,  सुख की वर्षा मैं कर दूँ  जग  के  आँगन  में||
फसल,  शांति  और  समृद्धि  की  प्रभु,  सारे जग में बोऊँ |
प्रभु  मुझको  शक्ति  दे,  मैं  जग  का स्वर्णिम  कल होऊँ ||५||

मैं   विवेक  के  गंगा  जल से,  सारे जग  का  मल  धोऊँ |
हे  प्रभु  मुझको  शक्ति  दे, मैं जग का स्वर्णिम कल होऊँ ||
 
                     रचनाकार - अभय दीपराज
 







































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































Views: 208

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
16 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"स्वागतम "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on नाथ सोनांचली's blog post कविता (गीत) : नाथ सोनांचली
"आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन। अच्छा गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
Sunday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"धन्यवाद सर, आप आते हैं तो उत्साह दोगुना हो जाता है।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और सुझाव के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह पा गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ । आपके अनुमोदन…"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुइ है। हार्दिक बधाई।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"शुक्रिया ऋचा जी। बेशक़ अमित जी की सलाह उपयोगी होती है।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"बहुत शुक्रिया अमित भाई। वाक़ई बहुत मेहनत और वक़्त लगाते हो आप हर ग़ज़ल पर। आप का प्रयास और निश्चय…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service