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भोजपुरी साहित्य Discussions (246)

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की तोहसे प्यार करी ले तोहरे से प्यार करीले ,

f मनवा में त चाह बा हमारो तोहरा के अपनाई, इ जनम का सातों जनमवा तोहरे पे लुटाई , की तोहसे प्यार करी ले तोहरे से प्यार करीले , m तोहरे खातिर…

Started by Rash Bihari Ravi

2 Jul 30, 2010
Reply by satish mapatpuri

मुख्य प्रबंधक

भोजपुरी ग़ज़ल (गनेश जी बागी)

गुड़ खूब खाले ख़ाली, गुल्गुल्ला से परहेज बा, आपने म्यान काटे, राउर तलवार बड़ी तेज बा , गाय के रखवारी देखी ,करत बा कसाई, पाई मोका करी हलाल,…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

13 Jul 30, 2010
Reply by satish mapatpuri

बाली उमिरिया पतली कमरिया चलेलु तू इठालाइ के ,

बाली उमिरिया पतली कमरिया चलेलु तू इठालाइ के , आग लगइबु का हो गोरिया बीच बजरिया आई के , चाल बा तोहर नागिन जइसन अचरा जब सरकावेलू , देख के मु…

Started by Rash Bihari Ravi

5 Jul 29, 2010
Reply by satish mapatpuri

आपन दुःख केकरा से कही ,

आपन दुःख केकरा से कही , इहा के बाटे सुने वाला , हर तरफ अन्धिआर भइल बा , धधकत बा दहेज के ज्वाला , बेटी के बाप त हमहू बानी , बड़ी मुश्किल से…

Started by Rash Bihari Ravi

5 Jul 29, 2010
Reply by kunal roy

मुख्य प्रबंधक

हल्की फुल्की हँसी की बात (भाग 5)

बहुत लोग के ना पता होई हमनी के गुरु जी ( Ravi Kumar Giri ) हस्त रेखा के भी जानकार बानी, एक दिन जगन भाई गएलन गुरु जी से आपन हाथ देखावे,गुरु…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

6 Jul 24, 2010
Reply by samarjeet kumar

काहे हमके सतावे लू गोरी खाली एगो झलक दिखाके ,

काहे हमके सतावे लू गोरी खाली एगो झलक दिखाके , का मिलेला तोहके बोला आइसे में हमके तरपा के , जाने लू तोहरे के चाही ले रखी ले दिल में बसा के ,…

Started by Rash Bihari Ravi

4 Jul 22, 2010
Reply by suryajeet kumar singh

मुख्य प्रबंधक

बाबूजी सिखवले ( भोजपुरी गीत )

बाबूजी सिखवलेs दुःख, सहीहs अपार , कबो ना करिहs बबुआs, केकरो प वारs , गलती ना करिह अइसन,पिटे पड़े कपारs, दुनिया में कुछु ना रही, रह जाई प्यार…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

4 Jul 20, 2010
Reply by Neelam Upadhyaya

अरे बाप रे बाप इ जिए ना दी कादून ,

अरे बाप रे बाप इ जिए ना दी कादून , दमवा बढावले बाटे फिरू इ बढाई , हमनी गरिबवान के आसू ना दिखाई , इ ता बरका लोग से मॉल पुआ खाई , अबकिर भोटवा…

Started by Rash Bihari Ravi

2 Jul 19, 2010
Reply by Saurabh Pandey

अउर ए बंद से महँगाई घटि गइल...हा..हा..हा..हा

केतना खुसी के बाति बा की काल्ह की बंद से महँगाई घटि गइल. हाँ भाई...काँहें हँसतानि..घटल नइखे का? खैर हो सकेला रउरा खातिर ना घटल होखे पर ए बं…

Started by Prabhakar Pandey

2 Jul 8, 2010
Reply by Rash Bihari Ravi

राजा ठाकुर

इ कहानी हा एगो अइसन नोवजवान के जवान नाम कमाए खातिर हमेशा पागलपन करत रहेला , हमरा पंचायत में 7 गो गाँव बा जवना में 52 गो टोला पंचायत के मुखि…

Started by Rash Bihari Ravi

3 Jun 5, 2010
Reply by PREETAM TIWARY(PREET)

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"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 184 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
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Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
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सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
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Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
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सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
Saturday

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
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