For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एगो प्रयास : भोजपुरी "कह मुकरी"


(१)
चोरी छुपे मोहे ताकत बाड़न,
टुकुर-टुकुर निहारत बाड़न,
कहेलन रानी खालs पिज्जा,
ऐ सखी दुलहा, ना रे जीजा !


(२)
रहे से हsमर घर बा उजियार,
जाये से लागे सगरो अन्हियार,
शोभा जईसे माथ के टिकुली,
ऐ सखी दुलहा, ना रे बिजुली !


(३)
मोछ मुड़ा भइलन मोछमुड़वा,
लागस जइसे सलमान के जुड़वा,
बदल गइल अब उनुकर तेवर ,
ऐ सखी दुलहा, ना रे देवर !


(४)
बुढ़ पुरनिया कह बेटा गोहरावे,
लईकन क टोली काका बोलावे,
भर गाँव देला उनुके सम्मान,
ऐ सखी दुलहा, ना रे परधान !


(५)
जेकर मेहनत से सब केहू खाये,
वोकर गुनवा अब केहू ना गाये,
केहू के नइखे तनिको धियान,
ऐ सखी दुलहा, ना रे किसान !

****

हमार पिछुलका पोस्ट => भोजपुरी लघु कथा :- धोबी के बकरा

Views: 2393

Replies to This Discussion

गणेश,

ई शब्दन  का अर्थ बताउन का बहुतय धन्यबाद. अब जाकर तोहार कह्मुकरियाँ समझ में आईं. बहुत निक लागीं..पढ़कर आनंद आइल हमका. हम ई जईसन रचना पहले कबहू ना समझ पाये रहैं :)  

अम्बरीश भाई की तरह हम भी बहुत मुदित हुये इन्हें पढ़कर...( इस तरह मुझे कुछ भोजपुरी के शब्द सीखने को मिले)

हमार तरफ से भी तोहके बहुतय बधईयां. 

 

आभार आदरणीया शन्नो दी

subah subah bahut rochak majedar rachna padhne ko mili likhne ka andaaj hi nirala hai samajh me bhi poori aa gai.bahut bahut badhaai apni rachna se Ganesh ji aaj ka din khushmay banaane ke liye.

सराहना हेतु आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी |

आदरणीय बागी बाबू, पैलगी, इ रचना हमका बहुत ही नीक लागले. और बियाहे क जवन दृश्य उपस्थित किये हैं आप, कि दिल बाग़ बाग़ ह्वाई गइल. ऐसा लागल कि हम अपने बस्ती तहसील के कौन गओव म शुभ मंगत गीत सुनत बनी. बहुत बहुत बधाई औ अभिनन्दन.

सराहना खातिर बहुत बहुत आभार राकेश भाई |

धाँसू......ई एकही शब्द निकलल ह....छ गईनी गुरु छा गईनी...मज़ा आ गईल ! चांपि के बधाई बा, महराज ! जय हो !

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"स्वागतम"
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"जी बहुत शुक्रिया आदरणीय चेतन प्रकाश जी "
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
3 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.लक्ष्मण सिंह मुसाफिर साहब,  अच्छी ग़ज़ल हुई, और बेहतर निखार सकते आप । लेकिन  आ.श्री…"
5 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.मिथिलेश वामनकर साहब,  अतिशय आभार आपका, प्रोत्साहन हेतु !"
5 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"देर आयद दुरुस्त आयद,  आ.नीलेश नूर साहब,  मुशायर की रौनक  लौट आयी। बहुत अच्छी ग़ज़ल…"
5 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
" ,आ, नीलेशजी कुल मिलाकर बहुत बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई,  जनाब!"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।  गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। भाई तिलकराज जी द्वार…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए आभार।…"
7 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तितलियों पर अपने खूब पकड़ा है। इस पर मेरा ध्यान नहीं गया। "
7 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी नमस्कार बहुत- बहुत शुक्रिया आपका आपने वक़्त निकाला विशेष बधाई के लिए भी…"
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service