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इ कहानी हा एगो अइसन नोवजवान के जवान नाम कमाए खातिर हमेशा पागलपन करत रहेला , हमरा पंचायत में 7 गो गाँव बा जवना में 52 गो टोला पंचायत के मुखिया आजादी के बाद से एगो सवतंत्रता सेनानी सिंह जी रहलन ओकरा बाद उनकर बेटा जितले ये बिच एगो नोवजवान बरका ठाकुर गाँव के राजनीत में अइलान और उनकर दाल ना गलल ता उ पूरा पंचायत में भेद भाव के बिज बो देले अब सातो गाँव 3 भाग में हो गइल दछिन के 3 गाँव बिच के 1 गो उनकर गाँव उत्तर के तिन गाँव उत्तर के तीनो गाँव के मिला के दछिन के गाँव के खिलाफ उ बहुत कुछ बोलले अबकी उ चुनाव जित गईले ओकरा बाद दछिन गाँव से माफ़ी मांग के ओ लोग के भी प्यारा हो गईले ऐसे कर के 30 साल बीत गइल कभी उ ता कभी बिपक्छी सिंह जी के परिवार जीते लागल ,

बरका ठाकुर बुड्डा हो गइलन अब आपन बागडोर उ आपन बेटा माधो ठाकुर के देबे के चाहलन ता एकर बिरोध कईलन उनकर भतीजा राजा ठाकुर दुनु जाना में मेल मिलाप के बहुत कोशिश कईलन बरका ठाकुर बाकिर काम ना बनल और राजा ठाकुर आपन अलग पार्टी बना लेहलन चुनाव आइल और बरका ठाकुर के पार्टी हार गइल राजा ठाकुर ता मुह्कुरिये गीरलन कहे की उ एको गो वार्ड ना जितलेन .

राजा ठाकुर के दिमाग में बरका ठाकुर लेखान एगो कुराफत आइल और उ एगो बरका आदमी के बिरोध कईलन जे पूरा समाज के मानिये रहे एपर उनकर काम ना बनल उनकर खिलाफ बरका ठाकुर हो गइलन .

बरका ठाकुर से अनबन चले लागल और राजा ठाकुर कुल पागलन जे बरका ठाकुर के बिरोध करत रहे के मिलके इ उत्तर गाँव आलं के खिलाफ आग उगले लागले .

और अक्सर उतार गाँव के लोगन के पकर के मरे पिटे लागल लोग उत्तर गाँव सहन सिलता अब जबाब देबे लागल उत्तर गाँव के लईका उनकर गाँव में फूटबल खेले गईले उनकर गाँव हार गइल फिर का रहे राजा ठाकुर आपन आवारा लइकन के उहा भेज देहले और जम के उत्तर गाँव के लइकन के पिटलास लोग और सील्ड छीन लेहल लोग एही मारपीट में हवा सिंह नाम के लईका के मौत हो गइल एकरा बाद उत्तर गाँव वाला बहुत बवाल कईले बाकिर अपने नुकशान कईले .

एही बिच गुरु जी उहा अइनी और उहा के बोलनी की ओ पागल के ठीक करे के एगो रास्ता बा , ता लोग पूछलॉस का , ता उहा के बतावानी की कहे ना हार घर से राजा ठाकुर के खिलाफ एगो केश काइल जाव एके सब कोई मान गइल और उनकर पर हजारो केश हो गइल अब राजा ठाकुर परेशान रहे लागले हवा सिंह केश में उनकर फाशी के सजा हो गइल , उ सुप्रीम कोर्ट में अपील कईलन उहा भी सजा बरक़रार रहल उत्तर गाँव वाला खुसी मनावत रहलन , एही बिच उ राष्टपति से जीवन दान के गोहर कईलान बाकिर उहा भी बिरोध के कारन काम बनत ना लौकत रहे . एक दिन उनकर वकील जे उत्तर गाँव के रहेवाला हाउअन उ राजा ठाकुर से कहलन की उत्तर गाँव वालन से माफ़ी माग लेम ता काम बन सकेला और राजा ठाकुर उत्तर गाँव वालन से माफ़ी मंगले उत्तर गाँव वालन के बिरोध काम भइल राष्टपति से सब कोई मिल के गुहार कईलास की इनकार जान बक्श दिही और राष्टपति उनकर सजा के उम्र कैद में तबद्ली कर देहलन , राजा ठाकुर कहलन अब हम पूरा गाँव के लेके चलब केहू के बिरोध ना करब उनकर पागल साथी सुधर गइलन अब राजा ठाकुर जेल में बारन उहा जे कोई उनकर से मिलेला ता इहे कहेलन माफ़ कर दिहा कवनो हमारा से भूल हो गइल होखे ता ..

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Replies to This Discussion

बहुत बढ़िया लिखले बानी गुरु जी, फूट डालो और राज करो वाली निति सब दिन न चल सकेला, अब लोग सियाना हो गिल बा, ईट के जबाब पत्थर से देवी भी जान गिल बा, बहुत बढ़िया गुरु जी, बहुत निमं कहानी लिखले बानी,बहुत बहुत धन्यबाद,
बहुत बहुत धन्यबाद
main admin jee ki baat se bilkul sahmat hoon............

jai hoooooooooooooooooooooooooooo

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