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Dr.Prachi Singh's Discussions (3,905)

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सदस्य टीम प्रबंधन

"आदरणीया राजेश कुमारी जी  आपको यह समीक्षा सार्थक लगी और पुस्तक के भाव कथ्य के साथ न्…"

Dr.Prachi Singh replied Apr 7, 2014 to 'इकड़ियाँ जेबी से' - एक पाठकीय समीक्षा

5 Apr 7, 2014
Reply by Dr.Prachi Singh

सदस्य टीम प्रबंधन

"आदरणीय सौरभ जी, आपने इस समीक्षा को जो विनम् मान देते हुए स्वीकार किया है उसके लिए आ…"

Dr.Prachi Singh replied Apr 5, 2014 to 'इकड़ियाँ जेबी से' - एक पाठकीय समीक्षा

5 Apr 7, 2014
Reply by Dr.Prachi Singh

"आदरणीय बृजेश 'नीरज' जी के ज़मीनी रचनाकर्म को जितना मैंने समझा है...जाना है... उससे शब…"

Dr.Prachi Singh replied Apr 5, 2014 to ‘कोहरा सूरज धूप’ की समीक्षा - जहीर कुरैशी

6 Apr 8, 2014
Reply by बृजेश नीरज

"साहित्य जगत में अपनी पूर्ण चमक के साथ जगमगाते एक सितारे, सम्माननीय गुलाब सिंह जी द्व…"

Dr.Prachi Singh replied Apr 5, 2014 to खुलते परों के सामने का आकाश - गुलाब सिंह

3 Apr 5, 2014
Reply by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

सदस्य कार्यकारिणी

"आदरणीया राजेश जी  //लेखन के दर्पण में पाठक को अपना चेहरा नजर आने लगे, रचना पाठक से…"

Dr.Prachi Singh replied Apr 5, 2014 to इकड़ियाँ जेबी से (समीक्षा )

10 Apr 6, 2014
Reply by rajesh kumari

सदस्य टीम प्रबंधन

"आदरणीय सौरभ जी  पुस्तक समीक्षा के लिए किस संतुलित निष्पक्ष पूर्वाग्रह मुक्त नज़रिए क…"

Dr.Prachi Singh replied Feb 3, 2014 to पुस्तक समीक्षा के आवश्यक विन्दु // --सौरभ

3 Feb 3, 2014
Reply by Dr.Prachi Singh

"'परों को खोलते हुए -१ ' संकलन पर आ० राहुल देव जी को पाठकीय समीक्षा के लिए सादर धन्यव…"

Dr.Prachi Singh replied Oct 29, 2013 to समीक्षा - परों को खोलते हुए-1 : एक पाठकीय प्रतिक्रिया -राहुल देव

14 Nov 24, 2013
Reply by धर्मेन्द्र कुमार सिंह

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"जी, ऐसा ही होता है हर प्रतिभागी के साथ। अच्छा अनुभव रहा आज की गोष्ठी का भी।"
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अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"अनेक-अनेक आभार आदरणीय शेख़ उस्मानी जी। आप सब के सान्निध्य में रहते हुए आप सब से जब ऐसे उत्साहवर्धक…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"वाह। आप तो मुझसे प्रयोग की बात कह रहे थे न।‌ लेकिन आपने भी तो कितना बेहतरीन प्रयोग कर डाला…"
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें आदरणीय गिरिराज जी।  नीलेश जी की बात से सहमत हूँ। उर्दू की लिपि…"
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"धन्यवाद आ. अजय जी "
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अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"मोर या कौवा --------------- बूढ़ा कौवा अपने पोते को समझा रहा था। "देखो बेटा, ये हमारे साथ पहले…"
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"जी आभार। निरंतर विमर्श गुणवत्ता वृद्धि करते हैं। अपनी एक ग़ज़ल का मतला पेश करता हूँ। पूरी ग़ज़ल भी कभी…"
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Nilesh Shevgaonkar commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"क़रीना पर आपके शेर से संतुष्ट हूँ. महीना वाला शेर अब बेहतर हुआ है .बहुत बहुत बधाई "
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
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अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"आप की प्रयोगधर्मिता प्रशंसनीय है आदरणीय उस्मानी जी। लघुकथा के क्षेत्र में निरन्तर आप नवीन प्रयोग कर…"
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"अच्छी ग़ज़ल हुई है नीलेश जी। बधाई स्वीकार करें।"
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"मौसम का क्या मिज़ाज रहेगा पता नहीं  इस डर में जाये साल-महीना किसान ka अपनी राय दीजिएगा और…"
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