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बाल साहित्य Discussions (213)

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सदस्य टीम प्रबंधन

LITTLE TOM THE RACER

Little Tom the racer always wins the race, Big hurdles on track with courage he face. Secret of his success is health and comfort  Besides…

Started by Dr.Prachi Singh

1 Mar 20, 2013
Reply by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

होली / प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा

होली  ------एक डाल पर कोयल बैठी  दूजी डाल पर कउआ  होली में रंग न जाएँ  सता रहा था हउआ  ------------------------ कउआ बोला कोयल से  तितली तो…

Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

2 Mar 20, 2013
Reply by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

बाल कहानी : गुलगुल खरगोश और नशे के सौदागर / कुमार गौरव अजीतेन्दु

गुलगुल खरगोश, चुटपुटवन का जाना-माना व्यापारी था। वन की रौनक फुटफुटबाजार में उसकी मेवों की बड़ी सी दुकान थी। उसकी दुकान के मेवे अपनी गुणवत्त…

Started by कुमार गौरव अजीतेन्दु

12 Feb 5, 2013
Reply by कुमार गौरव अजीतेन्दु

चर्चित दाना - चर्चित दाना

चर्चित दाना - चर्चित दानाछोड़ दो अब तुम खाना खाना...महंगाई है चरम पे अपने शुरू करो अब चुगना दानाबहुत खा चुके थाली भर भरबहुत गा चुके गाना वा…

Started by VISHAAL CHARCHCHIT

5 Jan 16, 2013
Reply by VISHAAL CHARCHCHIT

''बुड्ढी नानी''

नानी अब बुड्ढी हो गयी दाँतों में खुड्डी हो गयी l उसको तू प्यार कर ले थोड़ी मनुहार कर ले उँगली पे उसे घुमा के  थोड़ी तकरार कर ले l  उसकी त…

Started by Shanno Aggarwal

6 Jan 16, 2013
Reply by Shanno Aggarwal

तितली रानी

        तितली रानी तितली रानी तितली रानी . रंग -बिरंगी तितली रानी  फूलों पे बैठी तू लगती प्यारी  कितनी लगती न्यारी -न्यारी  फूलों का रस तेर…

Started by shubhra sharma

9 Jan 16, 2013
Reply by Dr.Prachi Singh

हाय री पतंग

आने को वसंत है , हाथ में पतंग है भीड़ में उमंग है , जीवन में तरंग है क्या बच्चे, बूढ़े क्या जवान डोरी थामे निहारे आसमान रंग -बिरंगी पतंग हम…

Started by shubhra sharma

0 Jan 13, 2013

सेनापति वीरु हाथी और डाकू नाटा गीदड़ (बाल कहानी)

 मीठे पानी के विशालकाय झरने के किनारे बसा तथा बड़े-बड़े फलदार वृक्षों और अत्यंत सुंदर, रंग-बिरंगे, सुगंधित फूलों के प्यारे-प्यारे पौधों से…

Started by कुमार गौरव अजीतेन्दु

6 Jan 10, 2013
Reply by कुमार गौरव अजीतेन्दु

जानवर

जानवर कितने अच्छे हैं मेहनत कितना करते है घोड़े पे हम करे सवारी कुत्ते करते वफ़ादारी हाथी बोझा ढोते है भालू नाच दिखाते है गाय भैंस हमें…

Started by shubhra sharma

2 Jan 7, 2013
Reply by shubhra sharma

सदस्य टीम प्रबंधन

Listen! Listen! Dear

Listen! Listen! Dear, Listen very clear, Welcome people with affection, full of cheer…   With a younger one in front We must lovingly c…

Started by Dr.Prachi Singh

8 Jan 7, 2013
Reply by Dr.Prachi Singh

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मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
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"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
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मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

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मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
Tuesday

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मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज भंडारी सर वाह वाह क्या ही खूब गजल कही है इस बेहतरीन ग़ज़ल पर शेर दर शेर  दाद और…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति में केवल तथ्य ही नहीं हैं, बल्कि कहन को लेकर प्रयोग भी हुए…"
Tuesday

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मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपने क्या ही खूब दोहे लिखे हैं। आपने दोहों में प्रेम, भावनाओं और मानवीय…"
Monday

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मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए शेर-दर-शेर दाद ओ मुबारकबाद क़ुबूल करें ..... पसरने न दो…"
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मिथिलेश वामनकर commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेन्द्र जी समाज की वर्तमान स्थिति पर गहरा कटाक्ष करती बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने है, आज समाज…"
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