For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बन्दर मामा // कुशवाहा//

---------------------------------------------

बन्दर मामा पहन पाजामा जा पहुंचा चीन 

सौ रुपये में एक मिलता मिले वहां पर तीन 

वाह भाई चीन वाह भाई चीन तू  न छीन 

-----------------------------------------------

बाजार की हालत देख मन ही मन मुसकराया  

ले  लो सामान  जितना बदलो अपनी काया  

सेब और टाफी खरीदी जरा सी नमकीन 

वाह भाई चीन वाह भाई चीन तू  न छीन 

-------------------------------------------------

मोबाइल  खेल खिलौने मेकप का सामान 

सब ले जाकर दूंगा घर में पूरे हों अरमान 

घटिया माल घर न लाना चीनी बड़े महीन 

वाह भाई चीन वाह भाई चीन तू  न छीन

---------------------------------------------------

विश्वासघात अस्त्र इनका दिखते   बड़े चिकने 

घात हम खा चुके  दर पर जाते क्यों  बिकने  

 छीनी पहले  फिर  अब छीनते मेरी  जमीन 

वाह भाई चीन वाह भाई चीन तू  न छीन

---------------------------------------------------

 

प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा 

२७-४-२०१३ 

मौलिक/अप्रकाशित 

 

Views: 783

Replies to This Discussion

बाल विभाग से कोई प्रतिक्रिया नहीं 

चीन ने किस कदर बाजारों पे कब्ज़ा कर रखा है ...और जो सस्ता माल बेचते है जो यहा पर एक मिलता है वह चीन में तिगुना कैसे , आखिर उसका राज क्या है ? बंदर मामा ने जान लिया है तो घटिया स्तर का सामान नही खरीदेंगे सबके लिए।
और साथ ही इतना बड़ा राजफाश की चीन बनाम छीन  :)))))
सुंदर ...शुभकामनाये आदरणीय प्रदीप जी!

आदरणीया वेदिका जी 

सादर 

अपने कीमती समय से समय देकर उत्साह बढ़ाया 

आभार 

क्षमा मुझे मागनी चाहिए आदरणीय प्रदीप जी! 

जो विलम्ब से रचना पर पहुंची।  

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आ. गिरिराज जी लम्बे अंतराल के बाद आपकी उपस्थिति मंच को नई उर्जा दे रही है.अमित जी के सुझाव…"
22 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आ. गिरिराज सर,आपको यहाँ देख कर अत्यंत हर्ष हो रहा है. शायद अब OBO के पुराने दिन लौट आएं..बहुत बहुत…"
32 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"धन्यवाद आ. मयंक जी "
33 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"धन्यवाद आ. ऋचा जी "
34 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब "
34 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"धन्यवाद आ. अमित जी मुहब्बत को मैं मुहब्बत हो लिखूँगा क्यूँ कि देवनागरी में ऐसे ही लिखा जाता…"
38 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आ. अजय जी,आप के और सभी के सुझावों का हमेशा स्वागत है. इसी मंच की आलोचना से मैं थोडा बहुत कहना सीख…"
45 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय  मैंने पिछले सारे आयोजन पढ़ें हैं आप की ग़ज़लें भी पढ़ी हैं। आप बहुत पुराने सदस्य…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय , आपका अपने उस्ताद पर गर्व समझ  में  आता है , जो ठीक भी है आप रखता के मुहताज…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय Richa Yadav जी क्या ओहदेदार लोग आदमी/इंसान नहीं होते?? आदरणीय नीलेश भाई और अमीरुद्दीन भाई…"
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय गिरिराज भंडारी साहिब  आपने मूसीक़ी जिसका वज़्न २२२ है २१२ पर बाँधा है। हम…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय अमित भाई , ग़ज़ल पर प्रतिक्रिया  के लिए आभार  1 - मौशिकी -- गलत नहीं है  ,…"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service