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बन्दर मामा // कुशवाहा//

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बन्दर मामा पहन पाजामा जा पहुंचा चीन 

सौ रुपये में एक मिलता मिले वहां पर तीन 

वाह भाई चीन वाह भाई चीन तू  न छीन 

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बाजार की हालत देख मन ही मन मुसकराया  

ले  लो सामान  जितना बदलो अपनी काया  

सेब और टाफी खरीदी जरा सी नमकीन 

वाह भाई चीन वाह भाई चीन तू  न छीन 

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मोबाइल  खेल खिलौने मेकप का सामान 

सब ले जाकर दूंगा घर में पूरे हों अरमान 

घटिया माल घर न लाना चीनी बड़े महीन 

वाह भाई चीन वाह भाई चीन तू  न छीन

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विश्वासघात अस्त्र इनका दिखते   बड़े चिकने 

घात हम खा चुके  दर पर जाते क्यों  बिकने  

 छीनी पहले  फिर  अब छीनते मेरी  जमीन 

वाह भाई चीन वाह भाई चीन तू  न छीन

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प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा 

२७-४-२०१३ 

मौलिक/अप्रकाशित 

 

Views: 784

Replies to This Discussion

बाल विभाग से कोई प्रतिक्रिया नहीं 

चीन ने किस कदर बाजारों पे कब्ज़ा कर रखा है ...और जो सस्ता माल बेचते है जो यहा पर एक मिलता है वह चीन में तिगुना कैसे , आखिर उसका राज क्या है ? बंदर मामा ने जान लिया है तो घटिया स्तर का सामान नही खरीदेंगे सबके लिए।
और साथ ही इतना बड़ा राजफाश की चीन बनाम छीन  :)))))
सुंदर ...शुभकामनाये आदरणीय प्रदीप जी!

आदरणीया वेदिका जी 

सादर 

अपने कीमती समय से समय देकर उत्साह बढ़ाया 

आभार 

क्षमा मुझे मागनी चाहिए आदरणीय प्रदीप जी! 

जो विलम्ब से रचना पर पहुंची।  

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